ओ कान्हा तेरे नैना कजरारे
राधा के मन में बस गए ऐसे।।
ओ कान्हा तेरे नैना कजरारे
ओ कान्हा तेरे नैना कजरारे
राधा के मन में बस गए ऐसे।।
प्रीत के आगे मैं न कुछ जानू
प्रीत के आगे कुछ न समझू
धागे में माला लेके नाम जापलू
तुहि बता कन्हैया तुझे क्यों न चाहू।।
ओ कान्हा तेरे नैना कजरारे
ओ कान्हा तेरे नैना कजरारे
राधा के मन में बस गए ऐसे।।
लोक लाज भय जहां प्रेम नहीं बस्ता
तेरे चरणों के शिव कोई नहीं जंचता
जीवन का स्वामी भक्तो में वास है
मुझको कन्हैया थोड़ा सा प्यार दे।।
ओ कान्हा तेरे नैना कजरारे
ओ कान्हा तेरे नैना कजरारे
राधा के मन में बस गए ऐसे।।