जो बोले सो निहाल सत श्रीकाल
वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु जी
वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु जी
वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु जी।।
वाहे गुरु वाहे गुरु वही गुरु संगत बोले
सच खण्ड डेरा रब ने खोले
वाहे गुरु वाहे गुरु वही गुरु संगत बोले
सच खण्ड डेरा रब ने खोले
सारे ने श्रृंगार सजाये ने
बरखा करदिया फुल्ला दी।।।।
वाहे गुरु वाहे गुरु वही गुरु सांगत बोले
सच खण्ड दे द्वारा रब ने खोला।।
आगे आगे पंज प्यारे,
चरना इन्हा दे धोवे सारे
किन्ना सोना रूप सजाये ने
बरखा करदीयान फुल्ला दी।।
गुरु ग्रंथ साहिब जीआये ने
बरखा करदी फुल्ला दी
वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु जी
वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु जी
सच खण्ड दे द्वारा रब ने खोला।।
सेवा दारा राह साजके
राह काली दे फुल्ला बना के
खुशियां दे दीप जलाये ने
बरखा करदीया फुल्ला दी।।
गुरु ग्रन्थ साहब जी आये ने
बरखा करदीया फुल्ला दी।।
गुरु दे आवन आज जैकारे
जाइये सिंघा दे बलिहारे
सिख कौम दे ये सरमाये ने
बरखा करदीया फुल्ला दी।।
गुरु ग्रन्थ साहब जी आये ने
बरखा करदीया फुल्ला दी।।
वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु जी
वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु जी
राजा मंगल हुज़ूर वालिया
वारिस मनमोहन वालिया
संगतर कमल गुन गए ने
बरखा करदीया फुल्ला दी।।
गुरु ग्रन्थ साहब जी आये ने
बरखा करदीया फुल्ला दी।।