जागो ऐ बजरंगबली माता अंजनी के लाल
मेरे मन मंदिर में ऊँचा रहेगा तेरा नाम।।
सोने की झारी में निर्मल गंगा जल है कमाल
निर्मल मंदिर में ऊँचा रहेगा तेरा नाम।।
तेल और सिंदूर इतर ये वर्ग चमकते चांदी के
मुकट पेहनलो सोने की ये हार पेहनलो हीरो के
शिंगार तुमारा अजब निराला बजरंग मेरे महान
मेरे ह्रदय में जपती रहूगी तेरा नाम।।
थाली में छप्पन भोग सजा कर तुम्हे खिलाने आया हु
गधा उठा लो वस्त्र पेहन लो वेश धरो अब वीरो के
हमारे सब दुःख दूर करो जी ओ बजरंगी महान
दर्शन देदो भगत खड़े है तेरे द्वार
मेरे मन मंदिर में ऊँचा रहेगा तेरा नाम।।
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