बल बुद्धि के दाता मेरे गणपति
तेरे चरणों में सिर को नमन कर दिया
बल बुद्धि के दाता मेरे गणपति।।
तुम्हे मोदक चडाऊ सिंदूर अर्पण करू
तेरे चरणों में जीवन समर्पण करू
बल बुद्धि के दाता मेरे गणपति।।
सब दाता में पेहले तेरा पूजन करो
तेरी भगती में देवा मैं खुद को रंगु
बल बुद्धि के दाता मेरे गणपति।।
गोरा ले लाल शिव जी के प्यारे हो तुम,
नंदी बंदी शिव घन के दुलारे हो तुम
बल बुद्धि के दाता मेरे गणपति।।
- बल बुद्धि के दाता मेरे गणपति
- मेरे गणपति हर विघ्न हरे
- गिरजानंदन शिव के दुलारे
- गणपत गोरी लाल तेरी हो रही जय जय कार
- हे गणपति तुझको सादर प्रणाम
- रिद्धि सिद्धि के तुम हो पति लाज रखना मेरे गणपति
- किस रोज पधारोगे गणपति मेरे आंगन में
- ये सिद्धि विनायक है गज रूप निराला है,
- श्री गणपति अथर्वशीर्षम्
- जय गणपति दुविधा हटी जो तुमको किया प्रणाम
- श्री सिद्धिविनायक देवा आरती लिरिक्स