जय हो गिरधारी प्रभु सुनलो म्हारी
रूप ये तेरो है बड़ा मनुहारी
मीरा कहे मैं बैरागन हूँगी
जिन भेषा म्हारा साहिब रीझे
ठाकुर जो मेरा साहिब करुँगी
सोही मैं तो भेष धरूंगी
ओ गिरधारी सुन म्हारी है तेरो रूप मनुहारी
कहो तो कुशमाल साड़ी रंगवा
कहो तो भगवा भेष
कहो तो मोतियन मांग भरवा
कहो तो छिटकवा केश
गिरधर मेरा जैसे माने
दिन को कहे रात तो रात कहूँगी
मीरा कहे मैं बैरागन हूँगी
जिन भेषा म्हारा साहिब रीझे
ठाकुर जो मेरा साहिब करुँगी
सोही मैं तो भेष धरूंगी
ओ गिरधारी सुन म्हारी है तेरो रूप मनुहारी
शील संतोष धरू घट भीतर
समता पकडे रहूंगी
जाको नाम निरंजन कहिये
ताको ध्यान धरूंगी
बन गयी जोगन तेरी मोहन
तुझसे तन मन अब मैं भरूंगी
मीरा कहे मैं बैरागन हूँगी
जिन भेषा म्हारा साहिब रीझे
ठाकुर जो मेरा साहिब करुँगी
सोही मैं तो भेष धरूंगी
ओ गिरधारी सुन म्हारी है तेरो रूप मनुहारी
Pingback: होकर श्याम की दीवानी राधारानी नाचै – bhakti.lyrics-in-hindi.com
Pingback: Cheen Le Hanske Sabka Ye Man Krishna Bhajan By Devi Chitralekhaji – bhakti.lyrics-in-hindi.com
Pingback: Best great krishna bhajan lyrics – bhakti.lyrics-in-hindi.com
Pingback: naye krishna bhajan lyrics – bhakti.lyrics-in-hindi.com