तन में कान्हा मन में कान्हा
मेरे अंग अंग में है कान्हा
दिल धडके मेरा जब लोग पुकारे कान्हा
कान्हा ओ कान्हा कान्हा मेरे कान्हा।।
तन में कान्हा मन में कान्हा
मेरे अंग अंग में है कान्हा।।
मेरी छोटी सी कुटियाँ तुझसे है महल बनी
पाके तुझे ये भिखारिन महलो की रानी बनी
साथ तेरा हाथ तेरा सिर पे सदा रखना कान्हा
कान्हा ओ कान्हा कान्हा मेरे कान्हा।।
तन में कान्हा मन में कान्हा
मेरे अंग अंग में है कान्हा।।
मेरे घर का सुखा सा भोजन तूने इतने प्रेम से खाया
बन गया वो भोग छपन हाथ जब तूने लगाया
किरपा तेरी बरसती रहे रहे मेरे ऐसे कर्म
कान्हा ओ कान्हा कान्हा मेरे कान्हा।।
तन में कान्हा मन में कान्हा
मेरे अंग अंग में है कान्हा।।
- जब से देखा है बरसाना भूल गए हम सारा जमाना
- ये दिल तेरा दीवाना बता क्या करे
- वृंदावन में शोर मचे गिरधर की मुरलिया बाजे
- दीवानो है गया तेरो श्याम क्या है बता दे तेरो नाम
- कान्हा तेरी बंसुरिया जुलम करी रे
- मैं तो रंगी श्याम के रंग में ढल गई उस छलिया के ढंग में
- नन्द लाला ने बरसाने में खेली ऐसी होली रे
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