रब दूरो दूरो देख रहा
किदा बाँदा मेनू बेच रहा
लंगर लोंदा टल बजाउँदा
मत्थे वी ओ खूब कसौंदा
मेरी बनायीं दुनिया नू ओ
वहमा दे विच देग रहा
रब दूरो दूरो देख रहा
किदा बाँदा मेनू बेच रहा
ऐ जो रंग बिरंगे बाने
अप्पे बनगए साद सियाने
लोका दे विच आग लगाके
अपनी रोटी सेक रहा
मंदिर मस्जिद ते गुरूद्वारे
रब नू मिलान देने सहारे
रब ने कद इस बीचो बाँदा
झूठी दौलत ही समेत रहा
रब दूरो दूरो देख रहा
किदा बाँदा मेनू बेच रहा
आजो सारे भरम भुला के
सच्चे मन दी ज्योत जगा के
सब्ली जो अरदास करे
आज वोही बाँदा नेक रहा
रब दूरो दूरो देख रहा
किदा बाँदा मेनू बेच रहा
रब दूरो दूरो देख रहा
किदा बाँदा मेनू बेच रहा
- मेरे मालिक दी किरपा बहुत
- कसम रब दी ना रह पावा तेरे दिदार तो बीना
- सतगुरु नानक जी कण कण दे विच वसदा
- रब दूरो दूरो देख रिहा
- मेरे बांके बिहारी नन्दलाल मोहना
- सुन ले ओ राधा गौरी मोहे खेलन संग तेरे होरी
- नैनन में मेरे बस गई श्यामा श्याम की जोड़ी
- Jai Jai Radha Raman Hari Bol
- Govinda Bolo Hari Gopala Bolo
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