राधे तेरे नाम का सहारा ना मिलता,
भँवर में ही रहते किनारा ना मिलता ।।
किनारे पर भी तो लहर आ डुबोती,
जिंदगी क्या होती कुछ ना होती,
बरसाने वाली की रहमत ना होती,
जिंदगी क्या होती कुछ ना होती।।
कहूंगा ना दुखड़ा अब मैं किसी से,
कहूं क्यों फ़साना अब मैं किसी से,
तेरी गर ना नजरे निगाहबान होती,
जिंदगी क्या होती कुछ ना होती,
बरसाने वाली की रहमत ना होती,
जिंदगी क्या होती कुछ ना होती।।
नज़रों में तुम हो नज़ारों में तुम हो,
ज़मी आसमां में सितारों में तुम हो,
तुम जो ना दिल की तारों में होती,
जिंदगी क्या होती कुछ ना होती,
बरसाने वाली की रहमत ना होती,
जिंदगी क्या होती कुछ ना होती।।
राधे तेरे नाम का सहारा ना मिलता,
भँवर में ही रहते किनारा ना मिलता ।।
Pingback: मेरे कृष्णा कन्हाई ऐसे यमुना जल धारा जैसे – bhakti.lyrics-in-hindi.com