जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
लाल लंगोटा हाथ में सोटा , बैठ्या बजरंग बाला
हृदय में सिया राम बिराजे , जपे राम की माला।।
चैत्र सुधी पुनम मंगल को , जन्म वीर ने पाया
शिव शंकर भोला बाबा ही , हनुमत बनके आया
केसरी नंदन कहलाया , माता अंजनी का लाला
हृदय में सिया राम बिराजे , जपे राम की माला।।
मंगल और शनिवार प्रेम से , जो सिन्दूर चढ़ाते
लाडू बूंदी और चूरमा , पेड़े भोग लगाते
संकट में वो सभी के आते , हनुमान रखवाला
हृदय में सिया राम बिराजे , जपे राम की माला।।
हनुमान बजरंगबली का , जो कोई नाम सुनावे
भूत प्रेत बेताल कोई भी , उसके पास ना आते
भक्तो के सब कष्ट मिटावे , ऐसा है कृपाला
हृदय में सिया राम बिराजे , जपे राम की माला।।
तन ते मन ते और वचन ते , जो सेवा में लागे
श्री राम की कृपा होती , सोई किस्मत जागे
भूलन दुःख दरिद्र भागे , भीतर का ज्ञान उजाला
हृदय में सिया राम बिराजे , जपे राम की माला।।
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