सब भगता की तेरे पास में दवा कसुती से
सारे जगत में बाला जी तेरी हवा कसुती से।।
सब चरणों में पड़ जाते तेरे आंसू लेके आखियाँ में
कुछ न कुछ तो जादू है तेरी मीठी मीठी बातेया में
मात सिया को लंका में दे आई अंगूठी से
सारे जगत में बाला जी तेरी हवा कसुती से।।
बालक पन में सूर्ये देव को तूने मुह में भर लियां
पवन पुत्र हनुमान बाला जी जग में उचा नाम किया
प्राण हरे अक्षय की तूने कर दी छुट्टी रे
सारे जगत में बाला जी तेरी हवा कसुती से।।
सब भगता की तेरे पास में दवा कसुती से
सारे जगत में बाला जी तेरी हवा कसुती से।।
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