राधा रमन हरी गोविन्द जय
बोले रे मन हरे कृष्णा हरे।।
राधा रमन हरी गोविन्द जय
बोले रे मन हरे कृष्णा हरे।।
हे मेरे गिरधर हे गोपाला
हे मेरे गिरधर हे गोपाला
तुहि रखदो और करीब
हरे कृष्णा हरे हरे राम हरे
हरे कृष्णा हरे हरे राम हरे।।
अंधेरो में साँचा तेरा नाम
एक मेरा घनश्याम जगत का
आन पड़ी मैं द्वार कड़ी मैं
तुहि रखना और करीब
हरे कृष्णा हरे हरे राम हरे
हरे कृष्णा हरे हरे राम हरे।।
राधा रमन हरी गोविन्द जय
बोले रे मन हरे कृष्णा हरे।।
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