अब कहां जाओगे मैंने राखे श्याम पकड़ के bhajan Lyrics-
सुबह-शाम भगवान श्रीकृष्ण के इस को सुनने से मिलेगी आपके मन को शान्ति…….. अब कहां जाओगे मैंने राखे श्याम पकडके – हरिशरण अवस्थी
जल भरने जब गई गुजरियां
साकर कुंडा झड़ के
बाहर से सब ग्वाल सखा संग आयो मोहन घर पे
खिड़की खोल मटकिया फोड़ी खाओ फिर भर भर के
अब कहां जाओगे मैंने राखे श्याम पकड़ के
इतने में फिर आई गुजरियां मटके में जल भर के,
कुंडा खोल के देखा अन्दर बैठे माखन लेके
पकड़ लिया फिर मनमोहन को
जल्दी मटका धर के
अब कहां जाओगे मैंने राखे श्याम पकड़ के
बोले मन मोहन ग्वालिन से मैं नही माखन खायो
घर में तेरे घुसी थी बिल्ली उसको मार भगायो
आया बुरा जमाना मैं पश्ताया नेकी कर के
अब कहां जाओगे मैंने राखे श्याम पकड़ के
बोली ग्वालिय्न क्यों रे कारे बिल्ली कहा से आई
ग्वाल बाल और तेरे मुख में माखन क्यों लिपटाई
अब न छोडू तोहे कारे
लेकर चलू झकड़ के
अब कहां जाओगे मैंने राखे श्याम पकड़ के
की चलाकी मनमोहन ने गवाल हाथ पकडाया
मन ही मन मुस्काये मोहन इसको खूब छकाया
दोड़े दोड़े आये कन्हियाँ मैया गोदी चढ़ के
अब कहां जाओगे मैंने राखे श्याम पकड़ के
घुंघट मारे आई गुजरियां दरवाजा खटकाया
देख यशोदा तेरा लाडला हाथ मेरे अब आया
कहा यशोदा ने तू लाइ अपना पूत पकड़ के
तू चली जा गोरी तू अपनी गली पकड़ के