सहनु दस तू रतनो दे चन वे,
अथे गौआ क्यो चारियाँ,
असा पुट देने तेरे कन वे
अथे गौआ क्यों चारियाँ,
सहनु दस तू ,……
रतनो दे लाडा ने है तेनु बड़ा पटेया,
लख वार मना किता फेर वी न ह्टेया,
तेनु रसी नाल असा देना बन वे,
अथे गौआ क्यों चारियाँ,
सहनु दस तू ,……
पिंड दियां जिमेदारा शिकायता किती पकियां,
घेर घेर गाइया सी थाने विच डकिया,
माता रत्नों ने सुनियाँ चुन चुन के ,
अथे गौआ क्यों चारियाँ,
सहनु दस तू ,……
अख दे इशारे नाल खुल गए किवाड़ जी,
भज भज गईयाँ आइयाँ थाणे विचो बहार जी,
फेर जोगी दी होई धन धन वे,
अथे गौआ क्यों चारियाँ,
सहनु दस तू ,……