डूब चला दिन शाम ढले माँ,
मंदिर में तेरे दीप जले माँ,
काहे का दीपक मैया काहे की बाती,
सोने का दीपक लाओ कपासी के बाती,
जगमग तेरी माँ ज्योत जले,
भवानी तेरे मंदिर में ज्योति जले,
डूब चला दिन…
काहे की पलकियां काहे की डोर माँ,
चन्दन की पलकियां रेसम की डोर,
झूला हुमो माँ तले माँ ढले भवानी तेरे मंदिर में ज्योति चले,
डूब चला दिन…..
कोण ध्वजा लाये कौन चवर धुलाये,
हनुमत ध्वजा लाये भेहरो चवर धौहलाये,
भरमा विष्णु शिवरे की करे भवानी तेरे मंदिर में दीपो जले,
डूब चला दिन…..
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