दुःख भी मानव की संपत्ति है तू क्यों दुःख से गबराता है,
सुख आया है तो जायेगा,दुःख आया है तो जायेगा,
सुख देकर जाने वाले से एह मानव क्यों गबराता है,
दुःख भी मानव की संपत्ति है तू क्यों दुःख से गबराता है,
सुख में सब व्ययन प्रमाद बड़े,दुःख में पुरशाद चमकत ता है,
दुःख की ज्वाला में पक कर के कुंदन सा तेज चमकत ता है,
सुख में सब भूले रहते है दुःख सबकी याद दिलवाता है
सुख है संध्या का लालच वृष जिसके परशात अँधेरा है,
दुःख प्रात का है झूठ पूता समय जिसके प्रशांत अँधेरा है,
दुःख का अभियासी मानव ही सुख पर अधिकार यमाता है,
दुःख भी मानव की संपत्ति है तू क्यों दुःख से गबराता है,
दुःख के समुख यो सेहर उठे उनको इतहास न जान स्का,
दुःख के सन्मुख जो खड़े रहे जग उनको ही पहचान स्का,
दुःख तो बस इक कसौटी है मानव को खरा बनाता है,
दुःख भी मानव की संपत्ति है तू क्यों दुःख से गबराता है,
Bhakti Geet Bhajan Music Video on lyrics in hindi