हाथ चिमटा जटा सुनेहरी,जोगी आया साड़े वेहड़े,
रूह खिड गई फुल वांगु जोगियां दर्शन करके तेरे,
हाथ चिमटा जोगी दे….
हाथ चिमटा जटा सुनेहरी….
देख देख के मुख जोगी दा दिल मेरा नि रजदा,
मोड़े झोली गल विच सिंगनी आ गया बाली जग दा,
जद नजरा नाल मिलिया नजरा हो गये दूर हनेरे,
हाथ चिमटा जोगी दे….
हाथ चिमटा जटा सुनेहरी….
धरती ते मेरे पैर न लगदे नच नच ख़ुशी मनावा,
शरदा दे फूल बाबा जी दे चरनी भेट चदावा,
घरे भुलाना बाबा जी नु रीझ दी दिल विच मेरे,
हाथ चिमटा जटा सुनेहरी….
तन मन हो गया रोशन मेरा जद मैं दर्शन पाइयां,
दीओट गुफा तो चल के जोगी घर भगता दे आया,
ओहदी रहमत सदका लगियां रोनका चार चुफेरे,
हाथ चिमटा जोगी दे….
हाथ चिमटा जटा सुनेहरी….
रोम ओरम विच वस गया जोगी भूल गई दुनियांदारी,
बाबा जी दे नाम दी चढ़ गई आज बलबीर खुमारी,
मदन आनंद वि बह गया ला के चरना दे विच डेरे,
हाथ चिमटा जोगी दे….
हाथ चिमटा जटा सुनेहरी….