लाखों महफिल जहाँ में यु तो,
तेरी महफ़िल सी महफ़िल नहीं है,
स्वर्ग सम्राट हो या हो चकार,
तेरे दर पे है दरजा बराबर,
तेरी हस्ती को जिसने जाना कोई आलम में आखिर नहीं है,
दर बेदर्द खा के ठोकर जो थक के आ गया कोई तेरे दर पर,
तूने नजरो से जो रस पिलाया वो बचाने के काबिल नहीं है,
लाखों महफिल जहाँ में यु तो,
तेरी महफ़िल सी महफ़िल नहीं है,
जीते मरते जो तेरी लग्न में जलते रहते विरहे की अगन में,
है भरोसा तेरा इ मुरारी तू दयालु है कातिल नहीं है,
तेरा रस का चस्खा लगा जिसको लगा बैकुंठ फीका उसको,
डूभ कर कोई बाहर ना आया इस में ववरे है साहिल नहीं है
लाखों महफिल जहाँ में यु तो,
तेरी महफ़िल सी महफ़िल नहीं है,
कर्म उनकी है निष्काम सेवा ब्रम्ह है उनकी ईशा में ईशा,
सौंप दो इनके हाथो में डोरी ये किरपालु है टंगतिल नहीं है,
लाखों महफिल जहाँ में यु तो,
तेरी महफ़िल सी महफ़िल नहीं है,
- shyam naam ki bhakti esi
- mere veer hanuman pyaare pyaare
- kiska hai shyam bolo kiska hai shyam
- tere naam ke hum to pagal hai tere pyaar ke hum to ghayal hai
- jo aaya tere dwaar me sanwariya sarkaar