माँ के आली रंगा ॥
आली रंगा फुलवा चुने भाई लंगुर…॥
फुलवा के मधुर सुहागे हो माँ,
माँ के आली रंगा ….
कुकर बासत निकले भइया लंगुरे..
फुलवा टोरन बर जाये हो माँ॥
सनन सनन पुरवाई चले..
सुरती के लहर जगाये हो माँ॥
कुहके कारी कोयलिया,बोले मीठ बतिया।
भगति रहस छलकाये हो माँ….
महर महर महके बन बागीया..
लंगूर के मन हरसाये हो माँ॥
आली आली फुलवा चुनन लागे..
सगरो झपुलिया भराये हो माँ॥
गैंदा केकती केंवरा ,लाली दसमत मोंगरा।
किसम किसम के रहाये हो माँ….
पंचरंग फुलवा के हार गुथे..
मईया ला लाने पहिराये हो माँ॥
फुलवा के शोभा बढ़ निक लागे..
दाई चरन संग पाये हो माँ॥
आँखी आँखी झूले,गऊतम कइसे भूले।
मोहनी मूरत तोरे भाये हो माँ….
माँ के आली रंगा ॥
आली रंगा फुलवा चुने भाई लंगुर…॥
फुलवा के मधुर सुहागे हो माँ .॥
माँ के आली रंगा….