मै भानु लली की दया चाहती हूं
अटारी की ताजी हवा चाहती हूं ..
भटकती रही मैं तो दुनिया के दर पर
कब जाकर पहुंचुगी लाडली के दर पर,
अब चरणों में तेरे पन्हा चाहती हूं
मै भानु लली की दया चाहती हूं..
सुना है तेरा दर है जन्नत का दरिया
पहुंचने का प्यारी तुम ही एक जरिया,
यही प्यार तुझसे वफ़ा चाहती हूं
मैं अटारी की ताजी हवा चाहता हूं ..
दयालु हो थोड़ी दया मुझ पर कर दो
भक्ति का प्याला हृदय में भर दो,
मैं बीमार हूं कुछ दवा चाहती हूं
अटारी की ताजी हवा चाहती हूं ..
मै भानु लली की दया चाहती हूं,
- meri maa de dar te aa
- jai kaali kalyaan kare
- bhakto ka sahara hai meri kalka devi maa
- dwar maiya ke roj tum jate raho
- babe di kirpa naal sab kam ho raha hai
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