विधनहरन मंगलकरन गोरी पुत्र गणेश,
प्रथम वन्दन आप को ब्रह्मा विष्णु महेश,
पहला गोरा माँ दे लाल नु मना लो भगतो,
महिमा गनपत नाम वाली गा लो भगतो,
आ जाओ इक मन करके ध्या लो भगतो,
पहला गोरा माँ दे……
शुभ लाब भी वास करांगे,
काज ओह सब दे रास करनगे,
आ के चरना च शीश नु झुका लो भगतो,
पहला गोरा माँ दे…
लडुआ दे नाल थाल सजा के,
लाल सिन्धुर घज मुख ते ला के,
गल फुला दी माला पा लो भगतो,
पहला गोरा माँ दे……
पान सुपारी पुष्प चड़ा के,
रिधि सीधी नु नाल मना के ,
कहे सोनी अजमेर गुण गा लो भगतो
पहला गोरा माँ दे…