(तर्ज: काली कमली वाला….)
सांवरिया तेरा हमपे जो प्यार है ,
कैसे बोलूं कितना बेशुमार है
जितना सोचा उतना पाया ,
सांवरिया ने प्यार लुटाया ,
जीवन में अब खुशियों की भरमार है ,
कैसे बोलूं …..
आफत ने जब आके घेरा ,
सांवरिये ने डाला डेरा ,
आके संभाला तूने ये परिवार है ,
कैसे बोलूं …..
खाली झोली लेकर आया ,
तूने ही भर के लौटाया ,
आँसू का क़तरा गया नहीं बेकार है ,
कैसे बोलूं …..
जिसके संग में लीलाधारी ,
क्या कर लेगी दुनियादारी ,
‘प्रियंका’ तेरी शुक्र गुजार है ,
कैसे बोलूं …..