एधर कनका उधर कनका,
विच कियारी पालक दी,
सुन माँ रतनो रोटी लै जा बालक दी,
बालक तेरा बाल नियाना,
गाउआ चरावे भूखन भाना,
मकी दी रोटी साग सरो दा,
भुरजी ले जा पालक दी,
सुन माँ रत्नों …….
बालक तेरा सब तो सोहना,
उस वरगा कोई होर नी होना,
नजर न लग जाये चं तेरे नु,
ला दे चुटकी कालक दी,
सुन माँ रतनो….
बालक तेरा भोला भोला,
कण विच मुंदरा गल विच माला,
घर तेरे खुद रब है आया,
साथ तेनु मालक दी,
सुन माँ रत्नों ……
बालक तेरा कर्मा वाला,
दूर करे दुःख भरमा वाला,
सिफत हुंडी आ राहों दियां सुखियाँ,
घर घर जग दे मलक दी,
सुन माँ रत्नों…..