सुन सांवरिया मेरी बात ज़रा
हर बार मैं खाटू आऊं कभी तू भी घर मेरे आ
तेरे इंतज़ार मैं कब तक जीवन काटूंगा
जिस दिन घर आओगे सांवरिया
गली में लड्डू बाटूंगा
फूलों से घर को सजवाऊंगा
इत्र की खुशबू से महकाऊँगा
बाघे का केसरिया रंग मैं छाटूँगा
जिस दिन घर आओगे सांवरिया
गली में लड्डू बाटूंगा
दिल का ये अरमान जान लो
एक बात बस मेरी मान लो
बाकी बात तेरी कोई ना काटूंगा
जिस दिन घर आओगे सांवरिया
गली में लड्डू बाटूंगा
घर में तेरा कीर्तन करवाऊं
दूर दूर से भगत बुलाऊँ
ना गाये बहादुर सुर में तो उसको डाटूंगा
जिस दिन घर आओगे सांवरिया
गली में लड्डू बाटूंगा
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