ताती वाहो न लगीये ।
पारब्रम सरनाई जो गीरद॥
हमारै राम का दुख लगे न पाई॥
सतिगुरु पूरा भेटिया
जिनी बणत बणाई ॥
राम नाम अउखधु दीया
एका लिव लाई॥
राखि लीऐ तिनि राखनहारि
सभ बिअाधि मिटाई ॥
कहु नानाक किरपा भई
परभ भए साहाई ॥
ताती वाहो न लगीये ।
पारब्रम सरनाई जो गीरद॥
हमारै राम का दुख लगे न पाई॥
सतिगुरु पूरा भेटिया
जिनी बणत बणाई ॥
राम नाम अउखधु दीया
एका लिव लाई॥
राखि लीऐ तिनि राखनहारि
सभ बिअाधि मिटाई ॥
कहु नानाक किरपा भई
परभ भए साहाई ॥