व्यंग्य- अश्लील – हरिशंकर परसाई

व्यंग्य- अश्लील – हरिशंकर परसाई

व्यंग्य- अश्लील – हरिशंकर परसाई शहर में ऐसा शोर था कि अश्‍लील साहित्‍य का बहुत प्रचार हो रहा है। अखबारों में समाचार और नागरिकों के पत्र छपते कि सड़कों के किनारे खुलेआम अश्‍लील पुस्‍तकें बिक रही हैं। दस-बारह उत्‍साही समाज-सुधारक युवकों ने टोली बनाई और तय किया कि जहाँ भी मिलेगा हम ऐसे साहित्‍य को … Read more

व्यंग्य-असहमत- हरिशंकर परसाई

व्यंग्य-असहमत- हरिशंकर परसाई

व्यंग्य-असहमत- हरिशंकर परसाई यह सिर्फ़ दो आदमियों की बातचीत है – “भारतीय सेना लाहौर की तरफ़ बढ़ गई- अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करके।” “हाँ, सुना तो। छम्ब में पाकिस्तानी सेना को रोकने के लिए यह ज़रुरी है।” “खाक ज़रूरी है! जहाँ वे लड़ें, वहां लड़ना चाहिए या हर कहीं घुसना चाहिए?” “हाँ उधर नहीं बढ़ना था।” … Read more

व्यंग्य-आध्यात्मिक पागलों का मिशन -हरिशंकर परसाई

व्यंग्य-आध्यात्मिक पागलों का मिशन -हरिशंकर परसाई

व्यंग्य-आध्यात्मिक पागलों का मिशन -हरिशंकर परसाई भारत के सामने अब एक बड़ा सवाल है – अमेरिका को अब क्या भेजे? कामशास्त्र वे पढ़ चुके, योगी भी देख चुके। संत देख चुके। साधु देख चुके। गाँजा और चरस वहाँ के लड़के पी चुके। भारतीय कोबरा देख लिया। गिर का सिंह देख लिया। जनपथ पर ‘प्राचीन’ मूर्तियाँ … Read more

व्यंग्य – आवारा भीड़ के खतरे -हरिशंकर परसाई

व्यंग्य – आवारा भीड़ के खतरे -हरिशंकर परसाई

व्यंग्य – आवारा भीड़ के खतरे -हरिशंकर परसाई एक अंतरंग गोष्ठी सी हो रही थी युवा असंतोष पर। इलाहाबाद के लक्ष्मीकांत वर्मा ने बताया – पिछली दीपावली पर एक साड़ी की दुकान पर काँच के केस में सुंदर साड़ी से सजी एक सुंदर मॉडल खड़ी थी। एक युवक ने एकाएक पत्थर उठाकर उस पर दे … Read more

तट की खोज- हरिशंकर परसाई

तट की खोज- हरिशंकर परसाई

लघु उपन्यास- तट की खोज- हरिशंकर परसाई भूमिका मैं आज भी नहीं समझ पाता कि ‘तट की खोज’ बहुत साल पहले मुझसे कैसे लिखा गया। यह एक ऐसी कहानी है जिसे लघु उपन्यास कहा जाता है। मूल घटना मुझे अपने कवि मित्र ने सुनाई थी। वे काफी भावुक थे। मेरी उम्र भी तब भावुकता की … Read more

रानी नागफनी की कहानी- 2-हरिशंकर परसाई

रानी नागफनी की कहानी- 2-हरिशंकर परसाई

व्यंगात्मक उपन्यास- रानी नागफनी की कहानी- 2 -हरिशंकर परसाई होना बीमार और लगना पेनिसिलिन अस्तभान अब रात-दिन नागफनी के चित्रों को देखता रहता और ‘हाय ! हाय !’ करता रहता । प्रेम की पीड़ा से आठों पहर तड़पता रहता। उसकी यह हालत देखकर मुफतलाल घबड़ाया और एक नामी डॉक्टर को बुला लाया । डॉक्टर स्टेथिस्कोप … Read more

रानी नागफनी की कहानी -हरिशंकर परसाई

रानी नागफनी की कहानी -हरिशंकर परसाई

व्यंगात्मक उपन्यास- रानी नागफनी की कहानी -हरिशंकर परसाई यह एक व्यंग्य कथा है। ‘फेंटजी’ के माध्यम से मैंने आज की वास्तविकता के कुछ पहलुओं की आलोचना की है। ‘फेंटेजी’ का माध्यम कुछ सुविधाओं के कारण चुना है। लोक-मानस से परंपरागत संगति के कारण ‘फेंटेजी’ की व्यंजना प्रभावकारी होती है इसमें स्वतंत्रता भी काफी होती है … Read more

ज्वाला और जल – हरिशंकर परसाई

ज्वाला और जल – हरिशंकर परसाई

उपन्यासिका- ज्वाला और जल – हरिशंकर परसाई (ज्वाला और जल हरिशंकर परसाई की आरम्भिक रचनाओं में से एक है जिसके केन्द्र में एक ऐसा युवक है जो समाज के निर्मम धपेड़ों से धीरे धीरे एक अमानवीय अस्तित्व के रूप में परिवर्तित हो जाता है। पर प्रेम और सहानुभूति के सानिध्य में वह एक बार फिर … Read more

जेलब्रेक-कहानी- हरीश जायसवाल

जेलब्रेक-कहानी- हरीश जायसवाल

जेलब्रेक-कहानी- हरीश जायसवाल ‘देखो अपनी हरकतों से बाज आओ वर्ना एक एक की हड्डी पसली तोड़ दूंगा।’जेलर योजक सिन्हा अपने ऑफिस में उन चारों कैदियों को धमकाते हुए कह रहा था। ‘परन्तु सर हमने काम करने से मना कब किया?’ उन मे से एक कैदी सागर पूछ बैठा। ‘हम चाहते है हमें काम हमारी योग्यता … Read more

लच्छो की बहादुरी – हंसराज रहबर (लोक कथा)

लच्छो की बहादुरी – हंसराज रहबर (लोक कथा)

लच्छो की बहादुरी – हंसराज रहबर (लोक कथा) किसी गाँव में एक लड़की रहती थी, जिसका नाम था लच्छो। एक दिन वह अपनी सखियों के साथ कुएं पर पानी भरने गई। वहाँ सब लड़कियां अपने सगाई-व्याह की बातें कर रही थीं। एक सहेली जिसका नाम बन्तो था, बोली-‘‘मेरे पिता ने मेरे ब्याह के लिए कीमती … Read more