कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 12

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 12

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 12   नारद जी ने कहा: तब इन्द्रादिक देवता वहाँ से भय-कम्पित होकर भागते-भागते बैकुण्ठ में विष्णु जी के पास पहुंचे। देवताओं ने अपनी रक्षा के लिए उनकी स्तुति की। देवताओं की उस दीन वाणी को सुनकर करुणा सागर भगवान विष्णु ने उनसे कहा … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 11 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 11

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 11 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 11

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 11 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 11   एक बार सागर पुत्र जलन्धर अपनी पत्नी वृन्दा सहित असुरों से सम्मानित हुआ सभा में बैठा था तभी गुरु शुक्राचार्य का वहाँ आगमन हुआ। उनके तेज से सभी दिशाएँ प्रकाशित हो गई। गुरु शुक्राचार्य को आता देखकर सागर पुत्र जलन्धर ने असुरों … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 13 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 13

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 13 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 13

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 13 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 13   कार्तिक कथा को सुनो, सभी सहज मन लाय । तेरहवाँ अध्याय लिखूँ, श्री प्रभु शरण में आय ॥ दोनो ओर से गदाओं, बाणों और शूलों आदि का भीषण प्रहार हुआ। दैत्यों के तीक्ष्ण प्रहारों से व्याकुल देवता इधर-उधर भागने लगे तब देवताओं … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 16 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 16

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 16 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 16

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 16 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 16   सुनो लगाकर मन सभी, संकट सब मिट जायें । कार्तिक माहात्म का `कमल`, पढो़ सोलहवां अध्याय ॥ राजा पृथु ने कहा: हे नारद जी! ये तो आपने भगवान शिव की बडी़ विचित्र कथा सुनाई है। अब कृपा करके आप यह बताइये कि … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 15 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 15

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 15 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 15

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 15 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 15   श्री विष्णु भगवान की कृपा, हो सब पर अपरम्पार । कार्तिक मास का `कमल` करे पन्द्रहवाँ विस्तार ॥ राजा पृथु ने नारद जी से पूछा: हे मुनिश्रेष्ठ! तब दैत्यराज ने क्या किया? वह सब मुझे विस्तार से सुनाइए। नारद जी बोले: मेरे … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 14 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 14

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 14 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 14

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 14 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 14   कार्तिक मास का आज, लिखूं चौदहवाँ अध्याय । श्री हरि कृपा करें, श्रद्धा प्रेम बढाएँ ॥ तब उसको इस प्रकार धर्मपूर्वक राज्य करते हुए देख देवता क्षुब्ध हो गये। उन्होंणे देवाधिदेव शंकर का मन में स्मरण करना आरंभ किया तब भक्तों की … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 30 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 30

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 30 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 30

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 30 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 30   कार्तिक मास की कथा, करती भव से पार । तीसवाँ अध्याय लिखूँ, हुई हरि कृपा अपार ॥ भगवान श्रीकृष्ण सत्यभामा से बोले- हे प्रिये! नारदजी के यह वचन सुनकर महाराजा पृथु बहुत आश्चर्यचकित हुए। अन्त में उन्होंने नारदजी का पूजन करके उनको … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 29 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 29

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 29 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 29

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 29 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 29   प्रभु कृपा से लिख रहा, सुन्दर शब्द सजाय । कार्तिक मास माहात्म का, उन्तीसवाँ अध्याय ॥ राजा पृथु ने कहा – हे मुनिश्रेष्ठ! आपने कलहा द्वारा मुक्ति पाये जाने का वृत्तान्त मुझसे कहा जिसे मैंने ध्यानपूर्वक सुना। हे नारदजी! यह काम उन … Read more

तुलसी विवाह पौराणिक कथा (Tulsi Vivah Pauranik Katha

तुलसी विवाह पौराणिक कथा (Tulsi Vivah Pauranik Katha

तुलसी विवाह पौराणिक कथा (Tulsi Vivah Pauranik Katha   एक बार शिव ने अपने तेज को समुद्र में फैंक दिया था। उससे एक महातेजस्वी बालक ने जन्म लिया। यह बालक आगे चलकर जालंधर के नाम से पराक्रमी दैत्य राजा बना। इसकी राजधानी का नाम जालंधर नगरी था। दैत्यराज कालनेमी की कन्या वृंदा का विवाह जालंधर से हुआ। जालंधर महाराक्षस था। … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 27 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 27

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 27 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 27

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 27 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 27   कृष्ण नाम का आसरा, कृष्ण नाम का ध्यान । सत्ताईसवाँ अध्याय अब, लिखने लगा महान ॥ पार्षदों ने कहा- एक दिन की बात है, विष्णुदास ने नित्यकर्म करने के पश्चात भोजन तैयार किया किन्तु कोई छिपकर उसे चुरा ले गया। विष्णुदास ने देखा भोजन … Read more