गुलाब का बौना -डैनिश कहानी-हैंस क्रिश्चियन एंडर्सन

गुलाब का बौना -डैनिश कहानी-हैंस क्रिश्चियन एंडर्सन

 

बगीचे के बीच में फूलों से भरा एक गुलाब का पौधा था। उसके सबसे सुंदर फूल पर एक बौना रहता था जो इतना छोटा था कि इंसान की आँख से नहीं दिख सकता था। वह हर पत्ती को सोने का कमरा बना लेता था। वह बहुत सुंदर और एक बच्चे जैसा प्यारा था। उसके कंधों से एड़ी तक सुंदर पंख थे। जहाँ वह सोता था वहाँ बड़ी खुशबूदार हवा होती थी, वहाँ की दीवारें बहुत साफ और पारदर्शी थीं, क्योंकि वे गुलाब की कोमल पत्तियों की थीं।

छोटा बौना सारा दिन गरम धूप में उड़ता रहता था। वह बगीचे के सब फूलों के पास जाता था, तितलियों की पीठ पर सवारी करता था, नीबू के पत्तों पर बनी सड़कों और रास्तों को गिनना उसका खेल था। वह जिन्हें सड़क और रास्ता कहता था वे पत्ते की नसें होती थीं; पर वह खुद इतना छोटा था कि वे उसे कभी खत्म न होने वाली सड़कें लगती थीं। उस दिन उसने यह काम देर में शुरू किया था और खत्म करने से पहले सूर्य डूब गया था।

ठंड थी, ओस गिर रही थी, हवा चल रही थी, बौना जल्दी से जल्दी घर पहुँचना चाहता था पर गुलाब रात के लिए बंद हो चुका था, इसलिए वह अंदर नहीं जा सकता था। वह पौधे के आस-पास उड़ता रहा पर एक भी फूल खिला हुआ नहीं था। बेचारा बौना डर गया। अब तक उसने अपने जीवन की हर रात गुलाब की पत्तियों में आराम से सोकर काटी थी। वह कभी भी अँधेरे में बाहर नहीं रहा था। वह बड़बड़ाने लगा, ‘ओह, मैं मर जाऊँगा।’

बगीचे के आखिर में एक कुंज था जिसकी जाली पर एक बेल चढ़ी हुई थी। उसके फूल रंगीन बिगुल जैसे थे। बौने ने सोचा कि वह उनमें से एक के अंदर सो जाएगा।

वह उस छायादार कोने की तरफ उड़ा पर वहाँ कोई था; वे दो इंसान- एक सुंदर युवती और एक खूबसूरत युवक थे। वे छोटी-सी बेंच पर सटकर बैठे थे और चाहते थे कि कभी अलग न हों, क्योंकि वे एक-दूसरे को बेहद चाहते थे।

युवक ने ठंडी साँस लेते हुए कहा, ‘हमें अलग होना पड़ेगा। तुम्हारा भाई हमारे प्यार से नाराज़ है, इसलिए मुझे दूर भेज रहा है। मैं उसके काम से दूर, बहुत दूर, पहाड़ों के पार जा रहा हूँ। विदा मेरी प्यारी पत्नी; क्योंकि तुम मेरी पत्नी ही हो!’

उन्होंने एक-दूसरे का चुंबन लिया, फिर युवती रोने लगी और उसने एक गुलाब तोड़ा। पर युवक को देने से पहले उसने इतने ज़ोर से उसे चूमा कि फूल खिल गया। बौना झट से गुलाब में घुस गया। उसने अपना सिर एक खुशबूदार नरम दीवार से टिका लिया; आखिर वह अंदर पहुँच गया था! गुलाब की पत्तियों के बीच से वह उन दोनों को एक-दूसरे से विदा कहते सुन रहा था। युवक ने गुलाब अपनी छाती पर लगा लिया। ओह, उसका दिल कैसा धड़क रहा था! बौना उस आवाज़ के कारण सो नहीं पा रहा था।

अँधेरे जंगल में से जाते वक्‍त उस युवक ने गुलाब अपने हाथ में ले लिया और बार-बार उसे चूमने लगा। वह इतनी जोर से चूम रहा था कि बौना मरने वाला हो गया। युवक के होंठ ऐसे जल रहे थे कि गुलाब अपने आप खुल गया, मानो दिन निकल आया हो।

उस रात एक और आदमी उस जंगल में जा रहा था। वह उस युवती का दुष्ट भाई था, जिसके हाथ में एक लंबा नुकीला चाकू था। युवक जब गुलाब को चूम रहा था, तभी उस दुष्ट ने उसे छुरा घोंपकर मार दिया। उसने उसका सिर काटा; फिर सिर और शरीर नीबू जैसे एक पेड़ के नीचे की नरम मिट्टी में दबा दिए।

दुष्ट मन में सोच रहा था, चलो यह मर गया। जल्दी ही सब उसके बारे में भूल जाएँगे। वह पहाड़ों के पार लंबे सफर पर जाने वाला था। इतने लंबे सफर में लोग आसानी से मर जाते हैं। यही उसके साथ हो सकता है। वह कभी नहीं लौटेगा और मेरी बहिन की मुझसे यह पूछने की हिम्मत ही नहीं होगी कि वह क्यों नहीं लौटा।

उसने ताजी खुदी ज़मीन को पत्तों और डालियों से ढका और अँधेरे में ही घर लौट आया। पर चाहे वह सोच रहा था कि वह अकेला था ऐसा नहीं था क्योंकि वह बौना उसके साथ था। जिस समय वह आदमी की कब्र खोद रहा था, वह बौना नीबू के पेड़ के एक मुरझाए पत्ते में लिपटकर उस दुष्ट आदमी के बालों में गिर गया था। हत्यारे ने सिर पर हैट लगा लिया। बौना अंदर ही बंद हो गया। अँधेरे में वह डर और गुस्से से काँप रहा था, और उस बुरे काम के बारे में सोच रहा था जो उसने होता हुआ देखा था।

सूरज निकलने तक वह दुष्ट अपने घर लौट आया था। उसने अपना हैट उतारा और बहिन के सोने वाले कमरे में गया। वह युवती पहाड़ों के पार लंबे सफर पर गए अपने प्रेमी के बारे में सोचती हुई, उसी का सपना देखती हुई सो रही थी। उसका दुष्ट भाई उसके ऊपर झुका और शैतानी हँसी हँसने लगा। उसके अनजाने में वह पत्ता उसके बालों से गिर गया। वह दबे पाँव बहिन के कमरे से निकलकर अपने कमरे में गया और सो गया।

बौना पत्ते में से निकलकर लड़की के कान में चला गया। उसने जो बुरा काम होते देखा था वह लड़की को बता दिया; कि कैसे उसके भाई ने उसके प्रेमी को मारकर एक फूलों से भरे नीबू के पेड़ के नीचे दफना दिया है। फिर उसने यह बताया कि वह पेड़ जंगल में कहाँ है। लड़की सोच रही थी कि वह सपना देख रही है, पर बौना बोला कि ‘अपने बिस्तर पर एक सूखा नींबू का पत्ता देखकर समझ जाना कि यह सपना नहीं है।’

लड़की उठी, और उसे वह पत्ता दिखा। ओह, वह कितना रोई! उसने कितने खारे आँसू बहाए पर वहाँ उसे तसल्ली देने वाला कोई नहीं था, कोई नहीं था जिससे वह अपना दु:ख कहती | खिड़की खुली हुई थी, बौना चाहता तो उड़कर बगीचे में अपने गुलाब तक जा सकता था, पर वह उस लड़की को अकेले छोड़कर जाने के बारे में सोच भी नहीं सकता था। खिड़की की चौखट पर रखे गमले के पौधे में एक फूल था। उसने बाकी दिन वहीं आराम किया।

कई बार वह दुष्ट भाई आया, ज़ोर-ज़ोर से हँसी-मज़ाक करता रहा। बेचारी लड़की में इतनी हिम्मत भी नहीं थी कि अपना दुःख दिखा सके।

रात आने पर वह चुपचाप घर से निकली। उसने जंगल में जाकर वह पेड़ ढूँढ़ा। फिर उसके नीचे से अपने प्रेमी की लाश निकाली। वह खूब रोई और भगवान से प्रार्थना करने लगी कि वह भी जल्दी मर जाए।

वह चाहती थी कि लाश को अपने साथ वापिस ले जाकर अच्छी तरह दफना दे, पर वह ऐसा नहीं कर सकती थी। उसने उसका सिर अपने हाथों में उठाया, उसके ठंडे सफेद होंठों को चूमा, फिर उसके सुंदर बालों से मिट्टी झाड़ी।

वह बोली, ‘यह हमेशा मेरा रहेगा।’ उसने उसके मृत शरीर को फिर से दबाया और लौट गई। वह अपने हाथों में अपने प्रिय का सिर और नीबू के पेड़ के पास उगी चमेली की एक टहनी ले आई थी।

लौटते ही उसने एक बड़े गमले में उस युवक के सिर को दबाया और ऊपर से चमेली की टहनी लगा दी।

छोटे बौने ने फुसफुसाकर कहा, ‘अलविदा।’ उस लड़की का दुःख देखने से दुखी बौना उड़कर बगीचे में अपना गुलाब ढूंढ़ने लगा। हरी टहनियों पर एक-दो पत्तियाँ चिपकीं थीं, फूल नहीं खिला था। ठंडी साँस भरते हुए बौना बोला, ‘जल्दी ही सब सुंदर फूल मुरझा कर गायब हो जाएँगे।’ पर उसे एक गुलाब का फूल मिल ही गया, जिसकी पत्तियों में अब भी खुशबू थी और वह वहाँ रह सकता था।

बौना हर सुबह उस लड़की की खिड़की पर जाता था। उसे वह लड़की हमेशा गमले के पास खड़ी रोती मिलती थी। उसके आँसू चमेली की टहनी पर गिरते रहते थे। लड़की पीली पड़ती जा रही थी और टहनी हरी। उसमें नए-नए पत्ते आ रहे थे और जल्दी ही सफेद फूलों की कलियाँ निकल आईं। लड़की ने उन्हें चूम लिया। उसका भाई उसे पागल और बेवकूफ समझता था क्योंकि वह एक पौधे के पास खड़ी रोती-रहती थी। वह नहीं जानता था कि किसी की चमकीली आँखें और लाल होंठ उस चमेली के पौधे के नीचे की मिट्टी में दबे हुए थे।

एक दिन वह लड़की गमले के पास खिड़की की चौखट पर सिर टिकाए सो गई। उसे सोता देखकर बौना उसके कान में घुस गया और उसे उन शामों के बारे में बताने लगा जब खुशबूदार गुलाब खिलते थे। लड़की वह सपना देखते-देखते मर गई। मरने पर वह स्वर्ग गई जहाँ अपने प्रेमी युवक से मिल गई।

बड़ी सफेद घंटियों जैसे चमेली के फूल खिलकर कमरे में अपनी खुशबू फैला रहे थे; जो मर चुके थे उनके लिए अपना दुःख वे इसी तरह दिखाते थे।

दुष्ट भाई ने उस सुंदर फूलों से लदे गमले को देखा तो उसे अपनी चीज़ की तरह उठाकर अपने सोने के कमरे में ले गया। वे फूल न सिर्फ देखने में सुंदर थे बल्कि उनकी खुशबू भी बहुत अच्छी थी। बौना उस दुष्ट के पीछे- पीछे गया और हर फूल को उस दुष्ट भाई की करतूत और बेचारी लड़की के दुःख की बातें बताता रहा। हर फूल की अपनी आत्मा थी जो सब समझती थी।

फूलों ने कहा, ‘हम सब कुछ जानते हैं, हम उस बारे में सब कुछ जानते हैं। हम उस मरे हुए आदमी के होंठों और आँखों से ही पनपे हैं। हम सब जानते हैं! सब कुछ जानते हैं !’

बौना समझ नहीं पा रहा था कि सब जानकर भी फूल इतने शांत कैसे हैं। वह शहद बटोरती मधुमक्खियों के पास गया और उन्हें सारी कहानी सुनाई, उन्होंने वह कहानी अपनी रानी को सुनाई। उसने यह तय किया कि अगली सुबह वे दोषी को मार देंगी।

उस लड़की के मरने के बाद की पहली रात को जब भाई सो रहा था तो फूलों की डाल खिल उठी। हर फूल की अदृश्य आत्मा एक जहर भरा भाला लेकर उसके कान के पास इकट्ठी हो गईं और उसे ऐसी कहानियाँ सुनाने लगीं जिनसे उसे भयानक सपने दिखाई देने लगे। वह डरकर चीखने लगा तो उन्होंने अपने भालों की नोंक उसकी जबान में गड़ा दी। वे सब चिल्लाईं, “हमने मरने वालों का बदला ले लिया।’ और वे उड़कर वापस अपने फूलों में चली गईं।

सुबह सोने वाले कमरे की खिड़की खुलते ही गुलाब में रहने वाला बौना और मधुमक्खियाँ अपनी रानी के पीछे उड़कर कमरे में घुस गए ताकि उस दुष्ट को मार सकें; पर वह तो पहले ही मर चुका था। लोग उसके पलंग के चारों ओर खड़े थे। एक आदमी बोला, ‘चमेली के फूलों की तेज़ खुशबू ने उसे मार दिया है।’

अब बौना समझा कि फूलों ने बदला ले लिया। उसने यह बात मधुमक्खियों की रानी को बतायी। उसने और बाकी की मधुमक्खियों ने उस गमले को घेर लिया। लोग उन्हें उड़ाने की कोशिश करने लगे। आखिर एक आदमी ने गमला उठाया ताकि बाहर रख दे। तभी एक मक्खी ने उसके हाथ में काट लिया। गमला ज़मीन पर गिरकर टूट गया।

मिट्टी के बाहर गिरने पर एक सफेद खोपड़ी भी निकल आई। सारे लोग डरकर उसे देखने लगे। तब वे समझ गए कि मरने वाला आदमी हत्यारा था।

मधुमक्खियों की रानी गाना गाने लगी जिसमें फूलों के बदला लेने के अलावा यह भी बताया था कि बौना छोटे से छोटे पत्ते पर भी रह सकता है। वह बुराई का पर्दाफाश करके दुष्ट से बदला ले सकता है।

 

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