लघुकथा- अपना-पराया – हरिशंकर परसाई
लघुकथा- अपना-पराया – हरिशंकर परसाई ‘आप किस स्कूल में शिक्षक हैं?’ ‘मैं लोकहितकारी विद्यालय में हूं। क्यों, कुछ काम है क्या?’ ‘हाँ, मेरे लड़के को स्कूल में भरती करना है।’ ‘तो हमारे स्कूल में ही भरती करा दीजिए।’ ‘पढ़ाई-वढ़ाई कैसी है? ‘नंबर वन! बहुत अच्छे शिक्षक हैं। बहुत अच्छा वातावरण है। बहुत अच्छा स्कूल … Read more