अजा एकादशी व्रत कथा (Aja Ekadashi Vrat Katha)

अजा एकादशी व्रत कथा (Aja Ekadashi Vrat Katha)

अजा एकादशी व्रत कथा (Aja Ekadashi Vrat Katha) अजा एकादशी का महत्त्व: अर्जुन ने कहा: हे पुण्डरिकाक्ष! मैंने श्रावण शुक्ल एकादशी अर्थात पुत्रदा एकादशी का सविस्तार वर्णन सुना। अब आप कृपा करके मुझे भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के विषय में भी बतलाइये। इस एकादशी का क्या नाम है तथा इसके व्रत का क्या विधान है? इसका … Read more

आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Ashvin Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)

आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Ashvin Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)

आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Ashvin Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha) युधिष्ठिर ने भगवान से पूछा हे कृष्णजी! मैंने सुना है कि आश्विन कृष्ण चतुर्थी को संकटा चतुर्थी कहते हैं। हे जगदीश्वर! आप कृपा करके मुझसे विस्तार पूर्वक इस कथा का श्रवण कराईए। श्री कृष्ण जी ने उत्तर में कहा कि प्राचीन काल में … Read more

भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Bhadrapad Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)

भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Bhadrapad Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)

भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Bhadrapad Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha) पूर्वकाल में राजाओं में श्रेष्ठ राजा नल था उसकी रूपवती रानी का नाम दमयन्ती था। शाप वश राजा नल को राज्यच्युत खोना पड़ा और रानी के वियोग से कष्ट सहना पड़ा। तब दमयन्ती ने इस व्रत के प्रभाव से अपने पति को प्राप्त … Read more

मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Kath

मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Kath

मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Kath एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह बेहद दुःखी थे। एक समय ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा के लिए गया। वहाँ उसने पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना की। घर पर उसकी स्त्री भी … Read more

सोमवार व्रत कथा (Somvar Vrat Katha

सोमवार व्रत कथा (Somvar Vrat Katha

सोमवार व्रत कथा (Somvar Vrat Katha किसी नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर के सभी लोग उस व्यापारी का सम्मान करते थे। इतना सब कुछ संपन्न होने के बाद भी वह व्यापारी बहुत दुःखी था, क्योंकि उसका कोई पुत्र नहीं था। जिस कारण अपने मृत्यु के … Read more

श्री सत्यनारायण कथा – पंचम अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Pancham Adhyay)

श्री सत्यनारायण कथा – पंचम अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Pancham Adhyay)

श्री सत्यनारायण कथा – पंचम अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Pancham Adhyay) सूतजी बोले: हे ऋषियों ! मैं और भी एक कथा सुनाता हूँ, उसे भी ध्यानपूर्वक सुनो! प्रजापालन में लीन तुंगध्वज नाम का एक राजा था। उसने भी भगवान का प्रसाद त्याग कर बहुत ही दुख सान किया। एक बार वन में जाकर वन्य पशुओं … Read more

श्री सत्यनारायण कथा – चतुर्थ अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Chaturth Adhyay)

श्री सत्यनारायण कथा – चतुर्थ अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Chaturth Adhyay)

श्री सत्यनारायण कथा – चतुर्थ अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Chaturth Adhyay) सूतजी बोले: वैश्य ने मंगलाचार कर अपनी यात्रा आरंभ की और अपने नगर की ओर चल दिए। उनके थोड़ी दूर जाने पर एक दण्डी वेशधारी श्रीसत्यनारायण ने उनसे पूछा: हे साधु तेरी नाव में क्या है? अभिवाणी वणिक हंसता हुआ बोला: हे दण्डी! आप … Read more

श्री सत्यनारायण कथा – तृतीय अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Tritiya Adhyay)

श्री सत्यनारायण कथा – तृतीय अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Tritiya Adhyay)

श्री सत्यनारायण कथा – तृतीय अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Tritiya Adhyay) सूतजी बोले: हे श्रेष्ठ मुनियों, अब आगे की कथा कहता हूँ। पहले समय में उल्कामुख नाम का एक बुद्धिमान राजा था। वह सत्यवक्ता और जितेन्द्रिय था। प्रतिदिन देव स्थानों पर जाता और निर्धनों को धन देकर उनके कष्ट दूर करता था। उसकी पत्नी कमल … Read more

श्री सत्यनारायण कथा – द्वितीय अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Dwitiya Adhyay)

श्री सत्यनारायण कथा – द्वितीय अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Dwitiya Adhyay)

श्री सत्यनारायण कथा – द्वितीय अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Dwitiya Adhyay) सूत जी बोले – हे ऋषियों ! जिसने पहले समय में इस व्रत को किया था उसका इतिहास कहता हूँ, ध्यान से सुनो! सुंदर काशीपुरी नगरी में एक अत्यंत निर्धन ब्राह्मण रहता था। भूख प्यास से परेशान वह धरती पर घूमता रहता था। ब्राह्मणों … Read more

श्री सत्यनारायण कथा – प्रथम अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Pratham Adhyay)

श्री सत्यनारायण कथा – प्रथम अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Pratham Adhyay)

श्री सत्यनारायण कथा – प्रथम अध्याय (Shri Satyanarayan Katha Pratham Adhyay) एक समय की बात है नैषिरण्य तीर्थ में शौनिकादि, अठ्ठासी हजार ऋषियों ने श्री सूतजी से पूछा हे प्रभु! इस कलियुग में वेद विद्या रहित मनुष्यों को प्रभु भक्ति किस प्रकार मिल सकती है? तथा उनका उद्धार कैसे होगा? हे मुनि श्रेष्ठ ! कोई … Read more