श्री पूर्णत्रयेसा मंदिर पौराणिक कथा (Sree Poornathrayeesa Mandir Pauranik Katha

श्री पूर्णत्रयेसा मंदिर पौराणिक कथा (Sree Poornathrayeesa Mandir Pauranik Katha

श्री पूर्णत्रयेसा मंदिर पौराणिक कथा (Sree Poornathrayeesa Mandir Pauranik Katha   एक बार की बात है, द्वापर युग में, एक ब्राह्मण की पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया। दुर्भाग्य से, जन्म लेने और जमीन को छूने के तुरंत बाद, बच्चे की तुरंत मृत्यु हो गई। ब्राह्मण पिता मृत बच्चे को लेकर सीधे द्वारका के … Read more

एकलव्य द्वार द्रोणाचार्य को गुरुदक्षिणा में अंगुठा देने की पौराणिक कथा (Eklavya Dwara Dronacharya Ko Gurudakshina Me Angutha Dene Ki Katha

एकलव्य द्वार द्रोणाचार्य को गुरुदक्षिणा में अंगुठा देने की पौराणिक कथा (Eklavya Dwara Dronacharya Ko Gurudakshina Me Angutha Dene Ki Katha

एकलव्य द्वार द्रोणाचार्य को गुरुदक्षिणा में अंगुठा देने की पौराणिक कथा (Eklavya Dwara Dronacharya Ko Gurudakshina Me Angutha Dene Ki Katha   माना जाता है कि निषादराज हिरण्यधनु के पुत्र एकलव्य धनुर्विद्या सीखने के लिए संसार के श्रेष्ठ धनुर्धर गुरू द्रोणाचार्य के पास गये परन्तु गुरू द्रोणाचार्य ने एकलव्य को निषाद पुत्र जानकर धनुर्विद्या सीखाने … Read more

प्रेरक कथा: श्री कृष्ण मोर से, तेरा पंख सदैव मेरे शीश पर होगा! (Prerak Katha Shri Krishn Mor Se Tera Aankh Sadaiv Mere Shish

प्रेरक कथा: श्री कृष्ण मोर से, तेरा पंख सदैव मेरे शीश पर होगा! (Prerak Katha Shri Krishn Mor Se Tera Aankh Sadaiv Mere Shish

प्रेरक कथा: श्री कृष्ण मोर से, तेरा पंख सदैव मेरे शीश पर होगा! (Prerak Katha Shri Krishn Mor Se Tera Aankh Sadaiv Mere Shish   श्री कृष्ण के लीला काल का समय था, गोकुल में एक मोर रहता था, वह मोर बहुत चतुर था और श्री कृष्ण का भक्त था, वह श्री कृष्ण की कृपा … Read more

हरतालिका तीज व्रत कथा (Hartalika Teej Vrat Katha

हरतालिका तीज व्रत कथा (Hartalika Teej Vrat Katha

हरतालिका तीज व्रत कथा (Hartalika Teej Vrat Katha   एक कथा के अनुसार माँ पार्वती ने अपने पूर्व जन्म में भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हिमालय पर गंगा के तट पर अपनी बाल्यावस्था में अधोमुखी होकर घोर तप किया। इस दौरान उन्होंने अन्न का सेवन नहीं किया। काफी समय सूखे … Read more

ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha

ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha

ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha   विदर्भ देश में उत्तंक नामक एक सदाचारी ब्राह्मण देव रहते थे। उनकी पत्नी बड़ी पतिव्रता थी, जिसका नाम सुशीला था। उन ब्राह्मण के एक पुत्र तथा एक पुत्री दो संतान थी। विवाह योग्य होने पर उन्होने समान कुलशील वर के साथ कन्या का विवाह कर दिया। … Read more

हाथी का शीश ही क्यों श्रीगणेश के लगा? (Hathi Ka Sheesh Hi Kiyon Shri Ganesh Ke Laga?

हाथी का शीश ही क्यों श्रीगणेश के लगा? (Hathi Ka Sheesh Hi Kiyon Shri Ganesh Ke Laga?

हाथी का शीश ही क्यों श्रीगणेश के लगा? (Hathi Ka Sheesh Hi Kiyon Shri Ganesh Ke Laga?   गज और असुर के संयोग से एक असुर जन्मा था, गजासुर। उसका मुख गज जैसा होने के कारण उसे गजासुर कहा जाने लगा। गजासुर शिवजी का बड़ा भक्त था और शिवजी के बिना अपनी कल्पना ही नहीं … Read more

पार्श्व / परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा (Parshva / Parivartani Ekadashi Vrat Katha

पार्श्व / परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा (Parshva / Parivartani Ekadashi Vrat Katha

पार्श्व / परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा (Parshva / Parivartani Ekadashi Vrat Katha   पार्श्व एकादशी का महत्त्व: युधिष्ठिर ने कहा हे भगवान! आपने भाद्रपद कृष्ण एकादशी अर्थात अजा एकादशी का सविस्तार वर्णन सुनाया। अब आप कृपा करके मुझे भाद्रपद शुक्ल एकादशी का क्या नाम, इसकी विधि तथा इसका माहात्म्य कहिए। तब भगवान श्रीकृष्ण कहने लगे कि इस पुण्य, स्वर्ग … Read more

अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा (Ahoi Ashtami And Radhakund Katha

अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा (Ahoi Ashtami And Radhakund Katha

अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा (Ahoi Ashtami And Radhakund Katha   ॥ श्री गणेशाय नमः ॥ बहुत समय पहले झाँसी के निकट एक नगर में चन्द्रभान नामक साहूकार रहता था। उसकी पत्नी चन्द्रिका बहुत सुंदर, सर्वगुण सम्पन्न, सती साध्वी, शिलवन्त चरित्रवान तथा बुद्धिमान थी। उसके कई पुत्र-पुत्रियां थी परंतु वे सभी वल्यावस्था में … Read more

अहोई अष्टमी व्रत कथा (Ahoi Ashtami Vrat Katha

अहोई अष्टमी व्रत कथा (Ahoi Ashtami Vrat Katha

अहोई अष्टमी व्रत कथा (Ahoi Ashtami Vrat Katha   ॥ श्री गणेशाय नमः ॥ प्राचीन काल में किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके सात लड़के थे। दीपावली से पहले साहूकार की स्त्री घर की लीपापोती हेतु मिट्टी लेने खदान में गई और कुदाल से मिट्टी खोदने लगी। दैवयोग से उसी जगह एक सेह … Read more

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 6 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 6

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 6 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 6

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 6 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 6   नारद जी बोले: जब दो घड़ी रात बाकी रहे तब तुलसी की मृत्तिका, वस्त्र और कलश लेकर जलाशय पर जाये। कार्तिक में जहां कहीं भी प्रत्येक जलाशय के जल में स्नान करना चाहिए। गरम जल की अपेक्षा ठण्डे जल में स्नान करने … Read more