विष्णु सहस्रनाम (Vishnu Sahasranam

विष्णु सहस्रनाम (Vishnu Sahasranam

विष्णु सहस्रनाम (Vishnu Sahasranam   भगवान श्री विष्णु के एक हजार नामों की महिमा अवर्णनीय है। इन नामों का संस्कृत रूप विष्णुसहस्रनाम के प्रतिरूप में विद्यमान है। श्री विष्णुसहस्रनाम पाठ करने वाले व्यक्ति को यश, सुख, ऐश्वर्य, संपन्नता, सफलता, आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्त होता है, एवं मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं … Read more

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम – मंत्र (Hanuman Dwadash Naam Stotram

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम – मंत्र (Hanuman Dwadash Naam Stotram

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम – मंत्र (Hanuman Dwadash Naam Stotram ॥ श्री हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र ॥ हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल: । रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम: ॥ उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:। लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा ॥ एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन: । स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत् ॥ तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्। राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति … Read more

श्री हनुमान स्तवन – श्रीहनुमन्नमस्कारः (Shri Hanuman Stawan – Hanumanna Namskarah

श्री हनुमान स्तवन – श्रीहनुमन्नमस्कारः (Shri Hanuman Stawan – Hanumanna Namskarah

श्री हनुमान स्तवन – श्रीहनुमन्नमस्कारः (Shri Hanuman Stawan – Hanumanna Namskarah   सोरठा – प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ज्ञानघन । जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर ॥१॥ अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम् । दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ॥२॥ सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम् । रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ॥३॥ श्रीहनुमन्नमस्कारः – गोष्पदी-कृत-वारीशं मशकी-कृत-राक्षसम् । रामायण-महामाला-रत्नं वन्देऽनिलात्मजम् ॥ १॥ अञ्जना-नन्दनं-वीरं जानकी-शोक-नाशनम् । कपीशमक्ष-हन्तारं वन्दे … Read more

महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra

महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra

महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra   ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥ महामृत्युंजय मंत्र मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र जिसे त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है, ऋग्वेद का एक श्लोक है। यह त्रयंबक त्रिनेत्रों वाला, रुद्र का विशेषण (जिसे बाद में शिव के साथ जोड़ा गया)को संबोधित है। यह श्लोक यजुर्वेद में भी आता … Read more

लिङ्गाष्टकम् (Lingashtakam

लिङ्गाष्टकम् (Lingashtakam

लिङ्गाष्टकम् (Lingashtakam   ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् । रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥ सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् । सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥ कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् । दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥४॥ कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् । सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥५॥ देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् । दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥६॥ अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् । अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं … Read more

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र (Shiv Panchakshar Stotram Mantra

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र (Shiv Panchakshar Stotram Mantra

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र (Shiv Panchakshar Stotram Mantra ॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्माङ्गरागाय महेश्वराय । नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय, तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥ मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय, नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय । मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय, तस्मै म काराय नमः शिवाय ॥२॥ शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द, सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय । श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय, तस्मै शि काराय नमः शिवाय ॥३॥ वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य, मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय। चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय, तस्मै व काराय नमः शिवाय … Read more

श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam

श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam

श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam ॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥ नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥ निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् । करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ २॥ तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम् । स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥ ३॥ चलत्कुण्डलं भ्रू … Read more

अच्युतस्याष्टकम् – अच्युतं केशवं रामनारायणं (Achyutashtakam Acyutam Keshavam Ramanarayanam

अच्युतस्याष्टकम् – अच्युतं केशवं रामनारायणं (Achyutashtakam Acyutam Keshavam Ramanarayanam

अच्युतस्याष्टकम् – अच्युतं केशवं रामनारायणं (Achyutashtakam Acyutam Keshavam Ramanarayanam   अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् । श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥1॥ अच्युतं केशवं सत्यभामाधवं माधवं श्रीधरं राधिकाराधितम् । इन्दिरामन्दिरं चेतसा सुन्दरं देवकीनन्दनं नन्दजं सन्दधे ॥२॥ विष्णवे जिष्णवे शाङ्खिने चक्रिणे रुक्मिणिरागिणे जानकीजानये । बल्लवीवल्लभायार्चितायात्मने कंसविध्वंसिने वंशिने ते नमः ॥३॥ कृष्ण गोविन्द हे राम … Read more

श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र (Panch Tattva Pranam Mantra

श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र (Panch Tattva Pranam Mantra

श्री पंच-तत्व प्रणाम मंत्र (Panch Tattva Pranam Mantra श्री कृष्ण चैतन्य नाम धुन संकीर्तन, इस्कान    (जय) श्रीकृष्णचैतन्य प्रभु नित्यानंद । श्री अद्वैत गदाधर श्रीवासादि गौर भक्तवृंद ॥

दामोदर अष्टकम (Damodarastakam

दामोदर अष्टकम (Damodarastakam

दामोदर अष्टकम (Damodarastakam   नमामीश्वरं सच्-चिद्-आनन्द-रूपं लसत्-कुण्डलं गोकुले भ्राजमनम् यशोदा-भियोलूखलाद् धावमानं परामृष्टम् अत्यन्ततो द्रुत्य गोप्या ॥ १॥ रुदन्तं मुहुर् नेत्र-युग्मं मृजन्तम् कराम्भोज-युग्मेन सातङ्क-नेत्रम् मुहुः श्वास-कम्प-त्रिरेखाङ्क-कण्ठ स्थित-ग्रैवं दामोदरं भक्ति-बद्धम् ॥ २॥ इतीदृक् स्व-लीलाभिर् आनन्द-कुण्डे स्व-घोषं निमज्जन्तम् आख्यापयन्तम् तदीयेषित-ज्ञेषु भक्तैर् जितत्वं पुनः प्रेमतस् तं शतावृत्ति वन्दे ॥ ३॥ वरं देव मोक्षं न मोक्षावधिं वा न चन्यं वृणे … Read more