सदाशिव अष्टकम् (Sadashiv Ashtakam

सदाशिव अष्टकम् (Sadashiv Ashtakam

सदाशिव अष्टकम् (Sadashiv Ashtakam   सुवर्णपद्मिनी-तटान्त-दिव्यहर्म्य-वासिने सुपर्णवाहन-प्रियाय सूर्यकोटि-तेजसे । अपर्णया विहारिणे फणाधरेन्द्र-धारिणे सदा नमश्शिवाय ते सदाशिवाय शंभवे ॥ १॥ सतुङ्ग भङ्ग जह्नुजा सुधांशु खण्ड मौळये पतङ्गपङ्कजासुहृत्कृपीटयोनिचक्षुषे । भुजङ्गराज-मण्डलाय पुण्यशालि-बन्धवे सदा नमश्शिवाय ते सदाशिवाय शंभवे ॥ २॥ चतुर्मुखाननारविन्द-वेदगीत-भूतये चतुर्भुजानुजा-शरीर-शोभमान-मूर्तये । चतुर्विधार्थ-दान-शौण्ड ताण्डव-स्वरूपिणे सदा नमश्शिवाय ते सदाशिवाय शंभवे ॥ ३॥ शरन्निशाकर प्रकाश मन्दहास मञ्जुला धरप्रवाळ भासमान वक्त्रमण्डल श्रिये । … Read more

शिव स्तुति, विद्येश्वरसंहिता श्रीशिवमहापुराण (Shiv Stuti, Vidyeshvara Samhita Shivmahapuran

शिव स्तुति, विद्येश्वरसंहिता श्रीशिवमहापुराण (Shiv Stuti, Vidyeshvara Samhita Shivmahapuran

शिव स्तुति, विद्येश्वरसंहिता श्रीशिवमहापुराण (Shiv Stuti, Vidyeshvara Samhita Shivmahapuran   ॥ ॐ श्रीसाम्बशिवाय नमः ॥ ॥ ॐ श्रीगणेशाय नमः ॥ आद्यन्तमङ्गलमजातसमानभाव- मार्यं तमीशमजरामरमात्मदेवम् । पञ्चाननं प्रबलपञ्चविनोदशीलं सम्भावये मनसि शङ्करमम्बिकेशम् ॥ – [ श्रीशिवमहापुराण / प्रथम-खण्ड – पूर्वार्ध /विद्येश्वरसंहिता / प्रथमोऽध्यायः / मुनिप्रश्नोत्तरवर्णनम् ] हिन्दी अनुवाद: जो आदि और अन्तमें [तथा मध्यमें भी] नित्य मङ्गलमय हैं, … Read more

शिव भो शंम्भो शिव शम्भो स्वयंभो – मंत्र (Bho Shambho Shiva Shambho Swayambho

शिव भो शंम्भो शिव शम्भो स्वयंभो – मंत्र (Bho Shambho Shiva Shambho Swayambho

शिव भो शंम्भो शिव शम्भो स्वयंभो – मंत्र (Bho Shambho Shiva Shambho Swayambho   शिव भो शंम्भो शिव शम्भो स्वयंभो भो शम्भो शिव शम्भो स्वयंभो गङ्गाधर शंकर करुणाकर मामव भवसागर तारक निर्गुण परब्रह्म स्वरुप गमगम भूत प्रपञ्चा रहित निज गुहानिहित नितान्त अनन्त आनन्द अतिशय अक्सयलिङ्ग धिमित धिमित धिमि धिमिकित किततों तों तों तरिकित तरिकितकित तों … Read more

बिल्वाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् (Bilva Ashtottara Shatnam Stotram

बिल्वाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् (Bilva Ashtottara Shatnam Stotram

बिल्वाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् (Bilva Ashtottara Shatnam Stotram   अथ बिल्वाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् ॥ त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम् । त्रिजन्म पापसंहारं एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥ १॥ त्रिशाखैः बिल्वपत्रैश्च अच्छिद्रैः कोमलैः शुभैः । तव पूजां करिष्यामि एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥ २॥ सर्वत्रैलोक्यकर्तारं सर्वत्रैलोक्यपालनम् । सर्वत्रैलोक्यहर्तारं एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥ ३॥ नागाधिराजवलयं नागहारेण भूषितम् । नागकुण्डलसंयुक्तं एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥ ४॥ अक्षमालाधरं रुद्रं पार्वतीप्रियवल्लभम् । … Read more

महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra

महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra

महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra   ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥ महामृत्युंजय मंत्र मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र जिसे त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है, ऋग्वेद का एक श्लोक है। यह त्रयंबक त्रिनेत्रों वाला, रुद्र का विशेषण (जिसे बाद में शिव के साथ जोड़ा गया)को संबोधित है। यह श्लोक यजुर्वेद में भी आता … Read more

लिङ्गाष्टकम् (Lingashtakam

लिङ्गाष्टकम् (Lingashtakam

लिङ्गाष्टकम् (Lingashtakam   ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् । रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥ सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् । सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥ कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् । दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥४॥ कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् । सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥५॥ देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् । दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥६॥ अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् । अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं … Read more