कार्तिक मास भजन | हरी ऐसे बसों मेरे मन मे जैसे तुलसी बसी आँगन में | Hari Bhajan | Kartik Maas Bhajan

कार्तिक मास भजन | हरी ऐसे बसों मेरे मन मे जैसे तुलसी बसी आँगन में | Hari Bhajan | Kartik Maas Bhajan Geet Mithas


Tulsi Mata Ka Bhajan – HARI AISE BASO MERE MAN MEIN JAISE TULSI BASI AANGAN MEIN (Kartik Maas Ka Bhajan) (Hari Bhajan) #kartikmaas #kartikmaasbhajan #tulsibhajan

Song Info :-
■ Title ▹ Hari Aise Baso Mere Man Me Jaise Tulsi Basi Aangan Me
■ Artist ▹Manisha
■ Singer ▹Sheela Kalson
■ Music ▹Kuldeep Mali Aala & Sachin Kamal
■ Lyrics & Composer ▹ Traditional
■ Song Production Support ▹ Rajesh Madina
■ Editing ▹Max Ranga
■ Cameraman ▹Gulshan Bawa
■ Label ▹Geet Mithas
■ Copyright ▹Fine Digital Media

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bhajan bhajan [संगीत] हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आंगन में हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आंगन में हा हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आंगन में हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आंगन में हो जैसे तुलसी बसी आंगन में [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत]

जैसे फूलों में खुशबू है रहती जैसे फूलों में खुशबू है रहती वो हमको नजर नहीं आती वो हमको नजर नहीं आती ऐसी खुशबू फैला दो मेरे मन में कोई देखे ना तुमको हम में ऐसी खुशबू फैला दो मेरे मन में कोई देखे ना तुमको हम में हां हरि

ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आंगन में हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आंगन में हो जैसे तुलसी बसी आंगन [संगीत] [संगीत] में जैसे मेहंदी में रंग है रहता जैसे मेहंदी में रंग है रहता वो किसी को नजर नहीं आता वो किसी को नजर नहीं

आता ऐसा रंग को रंगा दो मेरे मन में कोई देखे ना तुमको हम में ऐसा रंग को रंगा दो रे मन में कोई देखे ना तुमको हम में हां हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आंगन में हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे

तुलसी बसी आंगन में हो जैसे तुलसी बसी आंगन में [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] जैसे मिश्र में मीठा है रहता जैसे मिश्र में मीठा है रहता वो किसी को नजर नहीं आता वो किसी को नजर नहीं आता ऐसा मीठा बना दो मेरे मन को कोई देखे

ना तुमको हम में ऐसा मीठा बना दो मेरे मन को कोई देखे ना तुमको हम में हां हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तु से बसी आंगन में हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आंगन में हो जैसे तुलसी बसी आंगन में जैसे सागर में पानी है

गहरा जैसे सागर में पानी है गहरा वो किसी को नजर नहीं आता वो किसी को नजर नहीं आता ऐसा गहरा बना दो मेरे मन को कोई देखे ना तुमको हम में ऐसा गहरा बना तो मेरे मन को कोई देखे ना तुमको हम में हां हरि ऐसे

बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आंगन में हरि ऐसे बसो मेरे मन में जैसे तुलसी बसी आंगन में हो जैसे तुलसी बसी आंगन [संगीत] में #करतक #मस #भजन #हर #ऐस #बस #मर #मन #म #जस #तलस #बस #आगन #म #Hari #Bhajan #Kartik #Maas #Bhajan
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