गर्मी में अचानक कड़कड़ाती ठंडी का मौसम हो गया

होत्रिदत्त शर्मा की बेटी का विवाह 18 जून 1973 को होना था। 15 जून को, शर्मा बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए कैंची (नैनीताल के निकट हिमालय स्थित आश्रम) गए और उन्हें कन्या के विवाह समारोह में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया।

बाबा ने उससे कहा, “पंडित, मुझे कुछ बताओ जो मैं कर सकता हूँ।”

श्रद्धापूर्वक जोड़कर शर्मा ने कहा, “महाराज, आप ही सब कुछ कर रहे हैं।”

बाबा ने कहा, “मैं वह काम करूंगा जो कोई और नहीं कर सकता।”

होत्रिदत्त जी सोच में पड़ गए, तब बाबा ने उनसे कहा “तुम्हारे गाँव में बिजली नहीं है। शादी की पार्टी गर्मी के कारण असहज होगी, इसलिए मैं मौसम बदल दूंगा। उचित बिस्तर की व्यवस्था करो क्योंकि 18 और 19 जून को बहुत ठंड होगी।”

शादी के दिन बारात नियत समय पर पहुंची। उस दिन में बूंदाबांदी हुई और पूर्व दिशा से हवा चलने लगी। रात होते-होते इतनी ठंडी हो गई जितनी आमतौर पर नवंबर और दिसंबर के महीनों में होती थी। भरी गर्मी में अचानक कड़कड़ाती ठंडी का मौसम हो गया।

बाद में शर्मा जी ने महाराज जी की कृपा के बारे में दूसरों को बताया और विवाह में उपस्थित सभी लोग चकित रह गए। शादी की पार्टी विदा होने के बाद, मौसम फिर से बेहद गर्म हो गया।बाबा नीम करोली की महिमा अपरम्पार है वर्ना जून के महीने में इस प्रकार अचानक गर्मी में ठंडी होना असंभव है।

बाबा नीम करोली के अद्भुत चमत्कारों की सीमा बहुत लम्बी है। हर एक भक्त की अपनी कथा है।

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