संपूर्ण : हनुमान चालीसा | हिंदी | Full Lyrics | Hanuman Chalisa | Hindi | Hariharan | Gulshan Kumar

संपूर्ण : हनुमान चालीसा | हिंदी | Full Lyrics | Hanuman Chalisa | Hindi | Hariharan | Gulshan Kumar Deepak Kanoujiya


Hanuman Chalisa Lyrics and Aarti in Hindi: कई लोग हनुमान जयंती के दिन मंदिरों में जाकर बजरंगबली की पूजा कर हनुमान चालीसा पढ़ते हैं। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के कारण घर पर ही आपको हनुमान जी की विधि विधान पूजा करनी होगी। यहां देखें हनुमान चालीसा संपूर्ण…

Singer : Hariharan

Radio Music Director : Lalit Sen

हनुमान चालीसा संपूर्ण भजन :
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॥दोहा॥

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥

॥चौपाई॥

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥

राम दूत अतुलित बल धामा ।
अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥

महाबीर बिक्रम बजरङ्गी ।
कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥

कञ्चन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
काँधे मूँज जनेउ साजै ॥५॥

सङ्कर सुवन केसरीनन्दन ।
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥६॥

बिद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥७॥

Track “Hariharan”

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॥दोहा॥

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥

॥चौपाई॥

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥

राम दूत अतुलित बल धामा ।
अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥

महाबीर बिक्रम बजरङ्गी ।
कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥

कञ्चन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।
काँधे मूँज जनेउ साजै ॥५॥

सङ्कर सुवन केसरीनन्दन ।
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥६॥

बिद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥७॥

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प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मन बसिया ॥८॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥९॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
रामचन्द्र के काज सँवारे ॥१०॥

लाय सञ्जीवन लखन जियाये ।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥११॥

रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥

सहस बदन तुह्मारो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥१३॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥१५॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।
राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥

तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना ।
लङ्केस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥

जुग सहस्र जोजन पर भानु ।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥१८॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥१९॥

दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुह्मरे तेते ॥२०॥

राम दुआरे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥

सब सुख लहै तुह्मारी सरना ।
तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥

आपन तेज सह्मारो आपै ।
तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥

भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।
महाबीर जब नाम सुनावै ॥२४॥

नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरन्तर हनुमत बीरा ॥२५॥

सङ्कट तें हनुमान छुड़ावै ।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥

सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिन के काज सकल तुम साजा ॥२७॥

और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८॥

चारों जुग परताप तुह्मारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥२९॥

साधु सन्त के तुम रखवारे ।
असुर निकन्दन राम दुलारे ॥३०॥

अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ॥३१॥

राम रसायन तुह्मरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२॥

तुह्मरे भजन राम को पावै ।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥

अन्त काल रघुबर पुर जाई ।
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥३४॥

और देवता चित्त न धरई ।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥३५॥

सङ्कट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६॥

जय जय जय हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥३७॥

जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बन्दि महा सुख होई ॥३८॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥३९॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥४०॥

॥दोहा॥

पवनतनय सङ्कट हरन मङ्गल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ॥

Original song credit :

👉👉MPORTANT NOTE : Theses All Things Are copyright , we just Edited And Published to
Audience for Entertainment Purpose Only. All
Rights To Above music Label And Copyright Infringement.

Presented By : TopMix4 Lyrics

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bhajan lyrics कि श्री गुरु चरण सरोज रज निज मन और खूब शुभेच्छा बरणौ रघुबर बिमल जसु जो दायकू फल चारि बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार बल धुंधली हुआ था अबे डेमों ही आं ख ा क लिए कृषि उपभोक्ता * जय हनुमान यह जुबान झालर जय कपीस तिहुं लोक उजागर रामदूत

अतुलित बल धामा अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुंडल कुंचित के हाथ बज्र औ ध्वजा विराजे कांधे मूंज जनेऊ साजै संकर सुवन के तिरछी टू लंदन तेज प्रताप महा जग इन थे जब बीज जवान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर प्रभु

चरित्र सुनिबे डूबा रतिहा त्राम्न लखन सीता मन बसिया सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा भीम रूप धरि असुर अच्छा हां रे रामचंद्र के काज संवारे के लिए कृषि बन लखन जियाये श्रीरघुबीर हरषि उर लाये रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई सहस बदन

तुम्हरो जस गावैं अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित तरह की विजेता ए के जेवर कुबेर दिगपाल जहां ते कबि कोबिद कहि सके कहां ते तु अकार सुशील जीवन की मीटिंग हाथ राम मिलाय राज पद दीन्हा तुम्हरो हम फिफ्थ एडिशन माना लंकेस्वर भए

सब जग जाना जुग सहस्र लोचन प्रभृत्य लील्यो ताहि मधुर धुनें प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही जलधि लांघि गए अचरज [संगीत] कल सुबह कि तुम्हरे तेते राम द्वारे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारे सब सुख लहै तुम्हारी सरना तुम रच्छक काहू को डर ना आपन तेज सम्हारो आपै तीनों लोक हांक तें

कांपै भूत पिसाच निकट नहिं आवै महाबीर जब नाम सुनावै नासै नासै रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत अच्छी तरह संकट ते हनुमान छुड़ावै मन क्रम बचन ध्यान जो लावै सब पर राम तपस्वी राजा तिन के काज सकल तुम साजा और मनोरथ जो कोई लावै सोइ अमित जीवन फल पावै चारों जुग

परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा साधु-संत के तुम रखवारे असुर निकंदन राम दुलारे थे फर्स्ट एसी इन थे कि के दाता अस बर दीन जानकी माता राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा तुम्हरे भजन राम को पावै जनम-जनम के दुख बिसरावै अंतकाल रघुबर पुर जाई जहां जन्म हरि-भक्त कहाई और देवता

चित्त न धरई हनुमत सेइ इस संयुक्त मेज़बानी संकट कटै मेज़ पे राज सुमिरै हनुमत बलबीरा ढीला की जय जय हनुमान गोसाईं कृपा करहु गुरुदेव दत्त कि आई जो सत बार पाठ कर कोई छूटहि बंदि महा सुख होगी जो यह पढ़ै हनुमान जब मीडिया थो यदि साथी गौत्री फालतू शेष धताणा हरि चेरा

कीजै नाथ हृदय महं डेरा है कि जज न सिर्फ शरीर व महेंद्र और यह नकुल संकट हरण तो मालुम कल धीर कि रावण जब और सीता पिंपल वीरवार को हुआ है अजय को हुआ है #सपरण #हनमन #चलस #हद #Full #Lyrics #Hanuman #Chalisa #Hindi #Hariharan #Gulshan #Kumar
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