ohda dm dm damru bolda jado shiv pee lenda bhang
ओहदा डम डम डमरू बोल्दा जदो शिव पी लेंदा भंग,फेर धरती अम्बर ढोल दा सब देख रह जांदे दंग,ओहदा डम डम डमरू बोल्दा ……… पी के प्याला शम्भू रंग की विखावे,मस्ती दे विच तीनो लोक नचावे ,कैसी मस्ती चढ़ गई शिव न कैसा चड़ियाँ रंग,ओहदा डम डम डमरू बोल्दा खोल के जटावा शिव लेंदा है हुलारे,वख दुनिया …