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🔴सभी देवी देवताओ को मनाने के लिए सुनें आरती संग्रह || Chalisa Sangrah || Top Bhakti Song Collection

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bhajan lyrics [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा माता जा की वती पिता महादेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता ज की पार्वती पिता महादेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता [संगीत] महादेवा

एकदंत दयावंत चार भुजाधारी एकदंत दयावंत चार भुजाधारी माथे सिंदूर सोहे मुसे की सवारी माथे सिंदूर सोहे मुस की सवारी एकदंत दयावंत चार भुजा धारी माथे सिंदूर सो है मुसे की सवारी एक दंत वंत चार भुजाधारी माथे सिंदूर सोहे मुसे की सवारी जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाती पार्वती पिता [संगीत]

महादेवा पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े में वा पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा लडन को भोग लगे संत करे सेवा डुवन को भोग लगे संत करे सेवा पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा लड अन को भोग लगे संत करे सेवा पान चढ़े

फूल चढ़े और चढ़े मेवा लडन को भग लगे संत करे सेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाती पार्वती पिता [संगीत] महादेवा अंधन को आख देत कोणन को काया अंधन को आंख देते कोणन को का या बाजन को पुत्र देत निर्धन को माया बाजन को पुत्र देत

निर्धन को माया अंधन को आख देत कोणन को काया पाजन को पुत्र देत निर्धन को माया अंधन को आख देत कोणन को काया बांछन को पुत्र देत निर्धन को माया सर श्याम शरण आए सफल की ज सेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाती पार्वती पिता [संगीत]

महादेवा दनन की लाज राखो शंभू सतवारी दनन की लाज राखो शंभु सुत कामना को पूरा करो जग बलिहारी कामना को पूरा करो जग बलिहारी दनन की लाज राखो शंभू सुत बरी कामना को पूरा करो जग बलिहारी दनन की लाज राखो शंभु सतवारी कामना को पूरा करो जग

बलिहारी जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महा देवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाती पार्वती पिता महादेवा [संगीत] ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश [संगीत] हरे भक्त जनों के संकट दास जनों के

संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के स संकट दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] हरि जो घ्यावे फल पावे दुख बिन से मन का स्वामी दुख बिन से मन

का सुख संपति घर आवे सुख संपति घर आवे कष्ट मिटे तन का ओम जय जगदीश [संगीत] हरे मात पिता तुम मेरे शरण गहूं मैं किसकी स्वामी शरण गहूं मैं किसकी तुम बिन और ना दूजा प्रभु बिन और ना दूजा आस करूं मैं जिसकी ओम जय जगदीश [संगीत] हरे तुम पूरण परमात्मा तुम सबके

स्वामी प्रभु तुम सबके स्वामी पारब्रह्म परमेश्वर पारब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी ओम जय जगदीश [संगीत] हरि तुम करुणा के सागर तुम पालन करता स्वामी तुम पालन करता मैं मूरख कल कामी मैं सेवक तुम स्वामी कृपा करो भरता ओम जय जगदीश हरे [संगीत] तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति स्वामी सबके प्राण

पति किस विधि मिल ह दयामय किस विधि मिल ह दया तुमको मैं कुमती ओम जय जगदीश [संगीत] हरे दीन बंधु दुख हरता तुम ठाकुर मेरे तुम ठाकुर मेरे अपने हाथ उठाओ अपनी शरण लगाओ द्वार पड़ा तेरे ओम जय जगदीश [संगीत] हरे विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा स्वामी पाप हरो देवा श्रद्धा भक्ति

बढ़ाओ श्रद्धा प्रेम बढ़ाओ संतन की सेवा ओम जय जग देश [संगीत] हरे तन मन धन सब तेरा सब कुछ है तेरा स्वामी सब कुछ है तेरा तेरा तुझको अर्पण तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा ओम जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के

संकट दास नों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरी ओम जय जगदीश हरी ओम जय जगदीश [संगीत] हरि जय शिव ओमकारा हर जय शिव ओमका ब्रह्मा विष्णु सदाशिव भोले भोलेनाथ महाशिव अर्धांग निधा रा ओम जय शिव ओमकारा तानन चतुरानन पंचानन राजे बोले पंचानन राज हंसन गरुड़ासन

हंसा सन गरुड़ासन सन प्रस वाहन साजे ओम जय शिव ओमका स भुज चार चतुर्भुज तस बुज अति तो है बोले दस बुज अति तो है तीनों रूप नि रखता ले जी के दर्शन करता तिरुवन जन मोहे ओम जय शिव ओमकारा अक्ष माला बन माला मुंड माला धारी बोले मुंड माला

धारी चंदन मृग मध सोहे चंदन मृग मद सोहे भाल शशि धार ओम जय शिव ओमकारा तांबर पीतांबर पांबर अंगे बोले बागा अे सनकादिक भूता दिक सनकादिक भूता दिक गण आदिक संगे ओम जय शिव ओम तारा र् में कृष् का मंडल चक्र त्रिशूल धरता बोले चा ल धरता दुख करता दुख

हरता दुख करता दुख हरता जग पालन करता ओम जय शिव ओम दरा ब्रह्मा विष्णु सदा शिव ज्ञानतक भले जानत अ [संगीत] विवेका प्रणवा शर के मध्य प्रणवा शर के मध्य यह तीनों एका ओम जय शिव ओमकारा त्रिगुण शिवजी की आरती क्यों को नर गावे बोले प्रेम सहित गावे कहत शिवानंद

स्वामी बजत हरि हर स्वामी मनवांछित फल पावे ओम जय शिव ओमकारा जय शिव ओमकारा हर जय शिव ओमकारा बरामा विष्णु सदाशिव भोले भोलेनाथ महाशिव अर्धांग नि धारा ओम जय शिव ओम धारा ओम जय शिव ओमकारा ओम जय शिव [संगीत] [संगीत] ओमकार जय अंबे गोरी मैया जय श्या मा गौरी तुमको निश दिन

जावत तुमको निश दिन जावत हरि ब्रह्मा शिवजी जय अंबे गोरी जय अंबे गौरी मैया जय मा गरी तुमको निश दिन जावत तुमको निश दिन जावत हरि ब्रह्मा शिवजी जय अंबे [संगीत] गरी [संगीत] मांग सिंधूर विराजत टेको मृग मद को मैया टेको मग मद को उज वल से द नैना उज वल दे दो

नैना चंद्र बदन नी को जय अंबे गोरी कनक समान कलेवर रखता [प्रशंसा] बराजी रकता बरा जी रक्त पुष्प की माला रक्त पुष्प की माला कंठन बरसा ज जय अंबे [संगीत] गोरी के हरी वाहन राजत खड़ गख पधारी मैया खड़क खप धी सुर नर मुनि जन सेवत सुर नर मुनि जन सेवत नकी दुख

हारी जय अंबे गोरी कानन कुंडल शोभित ना सर्ग मोती मैया ना सार मती कोटिक चंद्र दिवाकर कोटिक चंद्र दिवाकर राजत सम जोती जय अंबे [संगीत] गोरी [संगीत] चुभन शुंभ विदे महिषासुर घाती मैया महिषासुर खाती धुम विलोचन नैना धुम विलोचन न निश दिन मद माती जय अंबे गौरी चं मुंड संघार शोणित बीज ह

[संगीत] मैया सोनित बीज हरे मधु केटब द मार मधु केटब द मार सुर भ हीन करे जय अंबे गोरी [संगीत] ब्रह्माणी रुद रानी तुम कमला रानी मैया तुम कमला रानी आगम निगम बखानी आगम निगम बखानी तुम शिव [संगीत] पटरानी जय अंबे गोरी च सठ योगिनी मंगल कावत त करत मैया गावत त्य करत

बाजत ताल [संगीत] मृदंगा बाजत ताल [संगीत] मृदंगा हरू बाजत डमरू जय अंबे गोरी [संगीत] तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता मैया तुम ही हो भरता भक्तन की दुख हरता भगत न की दुख हरता सुख संपति करता जय अंबे [प्रशंसा] गोरी भुजा चार्य अति शोभित मुदरा धारी मैया व मुदरा

धारी मन वा चित फुल पावत मन वा चित फल पावत सेवत नर [प्रशंसा] नारी जय अंबे गोरी [संगीत] कंचन थाल भी राजत अगर कपूर भाती मैया अगर कपूर भाती श्री मालखेत में राजत श्री माल की तुम राजत टी रतन [प्रशंसा] ज्योति जय अंबे [संगीत] गोरी अंबे जी की आरती जो कोई नर

गावे मैया जो कोई नर गावे कहत शिवानंद स्वामी कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे जय अंबे गोरी [संगीत] [संगीत] ओम जय संतोषी माता मैया जय संतोष माता अपने सेवक जन को अपने सेवक जन को सुख संपति दाता ओम जय संतोषी माता ओम जय संतोषी माता मैया जय सं तो श

माता अपने सेवक जन की अपने सेवक जन की सुख संपति दाता ओम जय संतोषी [संगीत] माता सुंदर चीर सुनहरी माध रण कीन मैया तुम धार के दो रापन नादम के हीरा पन नादम के तन श्रृंगार कीन हो ओम जय संतोष मा गेरू लाल छटा छवी वदन कमल सोहे मैया वदन कमल

सोहे मंद हसत करुणामई मंद हसत करुणामय त्रिभुवन मन मोहे ओम जय संतोषी [संगीत] माता स्वरण सिंहासन बैठी चबर धुरे प्या मैया चमन ढोले प्यारे धूप दीप मधु मेे वा धूप दीप मधु मेे वा भोग धरे न्यारे ओम जय संतोषी [संगीत] माता गुण अरचना परम प्रिया ता में संतोष कियो मैया ता में संतोष

कीयो संतोषी कहलाई संतोषी कहलाई भक्तन वैभव दियो ओम जय संतोषी [संगीत] माता शुक्रवार की अमानत आज दिवस सोही मैया आज दिवस को ही भक्त मंडली छाई भक्त मंडली छाई कथा सुनत मोही ओम जय संतोष [संगीत] माता मंदिर जगम ज्योति मंगल ध्वनि छाई मैया मंगल ध्वनि छाई विनय करे हम बालक विनय करे हम

बालक चरणन सरनाई ओम जय संतोषी माता [संगीत] भक्ति भाव मय पूजा अंगीकृत की जय मैया अंगकत की जय जो मन बसे हमारे जो मन बसे हमारे इच्छा फल दीज ओम जय संतोषी माता दुखी दरिद्री रोग संकट मुक्त किए मैया प्र सहित गावे बहु धन धान्य भरे घर बहु धन धान्य

भरे घर सुख सौभाग्य दिए ओम जय संतोषी माता ध्यान धर जिस जन ने मनवांछित फल पायो मनवांछित फल पायो पूजा कथा श्रवण कर पूजा कथा श्रवण कर घर आनंद आयो शरण गहे की लजा राखियो जगदंबे भैया राखियो जगदम में संकट तू ही निवा संकट तू ही निवारे दयामई [संगीत] [संगीत]

अंबे संतोषी माता की आरती जो कोई जन गावे भैया संकट मक्त के रिधि सिद्धि सुख संपत्ति रिधि सिद्धि सुख संपत्ति जी भर कर पावे ओम जय संतोष माता ओम जय संतोषी माता मैया जय संतोष माता अपने सेवक जनकी अपने सेवक जनकी सुख संपत्ति दाता ओम जय संतोषी माता ओम जय संतोषी

माता ओम जय संतोष [संगीत] [संगीत] माता जय शीतला माता मैया जय शीतला माता आदि ज्योति महारानी आदि ज्योति महारानी सब फुल की दाता जय शीतला माता जय शीतला माता मैया जय शितला माता आदि ज्योति महारानी आदि ज्योति महारानी सबब फले कीी दाता जय शितला [संगीत] माता रतन सिंहासन शोभित शेत चतुर

भाता मैया शेत चतुर भाता रिद्धि सिद्धि चावर डोला में रिद्धि सिद्धि चावर ढोला में जगमग छवि छाता [संगीत] है शितला माता विष्णु सेवत ठाड़े सेवे शिव धाता मैया सेवे शिव धाता वेद पुराण वर्णित वेद पुराण वर्त पार नहीं पाता शितला [संगीत] मादा इंद्र मृदंग बजाव चंद्र विणा हाथा मैया चंद्र विणा

हाथा सूरज ताल बजावे सूरज ताल बजावे नारद मुनि गाता ज शीतला माता घंटा शंख शहनाई बाजे मन भाता मैया पाज मन भाता करे भक्त जन आरती करे भक्त जन आरती लखी लखी हर शता शीतला माता धम्म रूप वरदानी तू ही दिन काल ज्ञाता मैया तू ही दिन काल ज्ञाता भक्तन को सुख

देती भक्तन को सुख देती मा पिता भ्राता है शितला माता जो जन ध्यान लगावे प्रेम शक्ति पाता मैया प्रे प्रम शक्ति पाता सकल मनोरथ पावे सकल मनोरथ पावे भव निधि तेर जाता जय शितला माता [संगीत] लोगों से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता मैया शरण तेरी आता गढी पावे निर्मल

काया गढी पवे निर्मल काया अंधन तरल पाता ऐ शीतला माता बांझ पुत्र को पावे त्र कटे रा स्वामी त्र द्र कटे तारा ता को भजे जो नाही ता को भज जो नाही सिर धुनि पछताता ऐ शीतला माता [संगीत] शीतल करती जनकी तू है जग दाता मैया तू है जग दता उत्पति बाल

विनाश उत्पति भाला विनाश तू सबकी माता है शितला माता दास नारायण र तुम जोरी माता मैया तुम जोरी माता भगति अपनी दीज भगति अपनी दीज और ना कुछ माता है शीतला माता [संगीत] [संगीत] ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा सत्यनारायण स्वामी सत्यनारायण स्वामी जन पातक हर ओम जय लक्ष्मी

रमणा ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा सत्य स नारायण स्वामी सत्य नारायण स्वामी जन पातक हर ओम जय लक्ष्मी [संगीत] रमणा रतन जड़ित सिंहासन अदभुत छवि राजे स्वामी अदभुत छ विराजे नारद करत निराजन नारद करत निराजन घंटा वन बाजे ओम जय लक्षमी रमणा प्रकट भई कलि कारण झ को दरस

दियो भज को दरस दियो बूढ़ो ब्राह्मण बनकर बूढ़ो ब्राह्मण बनकर जन महल कीयो ओम जय लक्ष्मी [संगीत] रमणा दुर्बल भील कठोर जिन पर कृपा करी स्वामी जी ने पर कृपा चंद्र चूड़ एक राजा चंद्र चूड़ एक राजा तिनके विपत हरे ओम जय लक्ष्मी रमना वेश मनोरथ पायो श्रद्धा तज दीनी स्वामी श्रद्धा

तज सुफल भाग्य प्रभु जी सो फल भाग्य प्रभु जी फिर स्तुति कीनी ओम जय लक्ष्मी रमणा [संगीत] भव भक्ति के कारण छिन छिन रूप धर स् छिन छिन रूप धर श्रद्धा धारण कीनी था धारण कीनी तिनको काज सरो ओ जय लक्ष्मी [संगीत] रमना ग्वाल बाल संग राजा वन में भक्ति करी

स्वामी बन में भक्ति करी मनवांछित फल दीनो मनवांछित फल दीनो दीन दयालु हरि ओम जय लक्ष्मी रमणा [संगीत] जड़त प्रसाद सवाय कदली फल मेवा स्वामी कदली फल मेवा धोप दीप तुलसी से धोप दीप तुलसी से राजी सत्य देवा ओम जय लक्ष्मी रमणा सत्य नारायण जी की आरती जो कोई नर

गावे स्वामी प्रेम सहित गावे रिधि सिधि सुख संपति रिधि सिधि सुख संपति सहज रूप पावे ओम जय लक्ष्मी रमणा ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा सत्य नारायण स्वामी सत्य नारायण स्वामी जन पातक हर ओम जय लक्ष्मी रमणा ओम जय लक्ष्मी रमणा ओम जय लक्ष्मी रमणा [संगीत] [संगीत] ओम जय श्री कृष्ण

हरे प्रभु जय श्री कृष्ण हरे भक्तन के दुख भक्तन के दुख तारे पल में दूर [संगीत] करे जय जय श्री कृष्ण हरे ओम जय श्री कृष्ण हरे प्रभु जय श्री कृष्ण हरे भक्तन के दुख ताले भक्तन के दुख तारे पल में दूर करे जय जय श्री कृष्ण [संगीत] हरे परमानंद मुरारी मोहन

गिरधारी रघु मोहन गिरधारी जय रस राजस बिहारी जय रसराज बिहारी जय जय गिरिधारी जय जय श्री कृष्ण [संगीत] हरे कर कंचन कट कंचन श्रुति कुंडल माला प्रभु शुद्ध कुंडल माला मोर मुकुट पीतांबर मोर मुकुट पीतांबर सोहे बन माला जय श्री कृष्ण [प्रशंसा] [संगीत] हरे दीन सुदा मा तारे दरिद्र दुख

तारे प्रभु दरिद्र दुख टावे जग की फंद छुड़ाए जग के फंद छुड़ाए भव सागर तारे जय जय श्री कृष्ण हरे रय कश्यप सहारी नर हरि रूप धरे ु नर हरि रूप धरे पाहन से प्रभु प्रकट पाहन से प्रभु प्रकट जन के बीच पड़े जय जय श्री कृष् [संगीत] हरे [संगीत]

के श कंस वि दारे नर कुबीर तारे प्रभु नर को बतावे दामोदर छवि सुंदर दामोदर छवि सुंदर भक्तन रखवारी जय जय श्री कृष्ण हरे काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे प्रभु नटवर छवि सो फन फन चढ़त ही नागन फन फन चढ़ती ही नागन नागन मन मोहे जय जय श्री कृष्ण [प्रशंसा] [संगीत] [संगीत]

हरे राज विभीषण थाप सीता शोक हरे प्रभु सीता शोक हरे द्रुपद सुता पत राखी द्रुपद सुत पत राखी करुणा लाज भरे जय जय श्री कृष्ण हरे ओम जय श्री कृष्ण हरे प्रभु जय श्री कृष्ण हरे भक्तन के दुख ताले भक्तन के दुख तारे पल में दूर करे जय जय श्री कृष्ण

हरे जय जय श्री श्री कृष्ण हरे जय जय श्री कृष्ण [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] हरे [संगीत] आरत की जय हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती की ज हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की जा के बल से गिरवर का पे रोग दोष जाके निकट न जाके अंजन पुत्र महा बल

दई संतन के प्रभु सदा सहाई देवीरा रघुनाथ पठाई लंका जार सिया सु दिलाए कास कोट समुद्र सिखाई जात पवन सुत बार ना लाईए लंका जार असुर संघार सियाराम जी के काज सवारे लक्ष्मण मूर्चित पड़े सकारे लानी संजीवन प्राण उबा पैटी पाताल तोरी जमका रे अहि रावण की बुझा उखारे बाय बुझा असुर

संघार दाहिने बुझा संत जन तारे सुर नर मुनि जन आरती उतारे जय जय जय हनुमान उचार कंचन थार कपूर लो छाई आरती करत है अंजना माई जो हनुमान जी की आरती गावे वैसे बैकुंठ परम पद पावे लंका विद्वंस कीय रघुराई तुलसीदास स्वामी कीरती गाए आरती की जय हनुमान लला की दुष्ट दलन

रघुनाथ कला की आरती की जय हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती की जय हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला [संगीत] की #Trending #Aartiyan #Collection #सपरण #आरत #सगरह #सबस #जयद #सन #जन #वल #आरतय #aarti
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