गुरु सम दाता कोई नहीं ।। प्रहलाद सिंह टिपानिया ।। कबीर भजन

गुरु सम दाता कोई नहीं ।। प्रहलाद सिंह टिपानिया ।। कबीर भजन Prahlad Singh Tipanya Official



गुरु सम दाता कोई नहीं ।। प्रहलाद सिंह टिपानिया ।। कबीर भजन

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Bhajan by : sadguru Kabir
Singer and Tambur : Padmashri Prahlad Singh Tipanya
Manjira :- Himanshu Tipaniya
Violin And Vocal : Devnarayan Saroliya
Harmonium and Vocal : Dharmendra Tipaniya
Dholak : Ajay Tipaniya

Audio and Video Edited By : Mayank Tipaniya

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भजन के बोल (Lyrics)

साखी :-

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भजन कि ऐसी सदगुरु हमारे एक हैं और तुम सब ए डिफिकल्ट टो सूरत अरे जैसे कागज जहाज पे आ यह बोध भिक्षु जय हो संगठनों ने कि सद्गुरु की महिमा है कि कितनी है के प्रकरणों के मानव और अनंत चिरायु झाल को हरा आनंद संयुक्त संघ की शाखा और अनंत

दिखा रावण हां वह सदगुरु मेरा पाणियां और बंद कर दे 5000 और दिन अथवा लुधियानवियों संसार है इसीलिए सदगुरु कबीर कहते हैं संबंधित बुद्ध महात्मा बुद्ध द्वारा शहर को समृद्ध अब आधे राघवानी [संगीत] झाला वैज्ञानिक एक पाइप झाला साहब ने आ तप सारा थोड़ा रांझा लुधियाना आधा चम्मच सारा साथ छीटें

पर रौनियार सजदों है बीच तारा चंद सीरवी लुभा रहे गैस तारा अस्त कि संबंधित है में भिन्न था सांप कोई महंगी बुद्ध मागा हारा सामने आ भागने लगे इलाकों ताबड़तोड़ सामने लोहा रे पारा आख्यानों का आ यार मैं लोहा है पारा कोई सदगुरु झाल कोई संतप्त आवारा पूरा गुरु कुमार का यह

कि कल पक्का आ रहा हुं समृद्धता खोई हुई ए [संगीत] ब्वॉय झाला आप कहेंगे अगर मांग रहा हु समझा लो मीडियम [संगीत] भाप राशि रत्न झाल तीव्रता बाढ़ तरफ बहुत अच्छी तरह झाल तेरा लाडला पटना घाट उबाल आ सकती हो अंधियारों बूटा आ मीडिया करप्ट झाल्यानंतर समृद्ध झाल [संगीत]

25 गोल ध्वजा बिराजै कोई बहनों द्रवण भावगत हारा को समझा लो मीडियम आधा कह कबीर प्राण खो गया हुआ था ढूंढूं हारा तरह फिर या खुद को दाणा सेओ रा दाणा सेओ रा दाणा सेओ शूल ही शूल का या के अनुसार आ रा दाणा सेओ रा दाणा ओ ए

मीडिया था कोई बेहतर हुआ था समृद्ध इलाकों [संगीत] को इन थे के बाद सुधीर व फुहारा तू समझा लुट बाबा संबंधित है #गर #सम #दत #कई #नह #परहलद #सह #टपनय #कबर #भजन
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