सत्संगी निर्गुण भजन Non Stop Satsangi Nirgun Bhajan | Nirgun Bhajan | Bhakti Song | Satsangi Bhajan Bhajan India
सत्संगी निर्गुण भजन | खिलौना माटी का I Non Stop Satsangi Bhajan | @bhajanindia
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1 तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का 00:00
2 रचा हे जिस श्रुष्टि को 06:54
3 भजन बिना है ना काया किस काम की 12:55
4 भटकता डोले का हे प्राणी 18:10
5 जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी 26:18
6 एक डाल दो पँछी रे बैठा कौन गुरु कौन चेला 35:20
7 भजन कर अंत सवारों रे 01:08:44
8 हमरो तीरथ कौन करे 01:14:59
9 मन को निर्मल बनाना 01:20:59
10 ज़रा हल्के गाड़ी हांको मेरे राम गाड़ी वाले 01:29:19
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bhajans in hindi [संगीत] [संगीत] तूने अजब रचा भगवान खिलाना माटी का तूने अजब रचा भगवान खिलोना माती का माती का रे माती का माटी का रे माटी का तूने अजब रचा भगवान खिलौना माती का तने अजब रचा भगवान खिलोना माटी [संगीत] [प्रशंसा] का [संगीत] [संगीत] कान दिए हरि भजन सुनने को
कान दिए हरि भजन सुनन को कान दिए हरि भजन सुनन को कान दिए हरि भजन सुनन को मुख से कर गुणगान खिलोना माती का ने अजब रचा भगवान लोना माटी [संगीत] [संगीत] का [संगीत] जी भादी हरि भजन करन को जीवाद हरि भजन करन को जी भाद हरि भजन करने को जी भाजी ह
भजन करन आखे कर पहचान खिलौना माती का तूहे अजब रचा भगवान लोना माटी [संगीत] का [संगीत] शेष दिया गुरु चरण झु गन को शेष दिया गुरु चरण जुगन को शेष दिया गुरु चरण झुकने को शेष दिया गुरु चरण ुक पर और हाथ दिए कर दान खिलोना माती का ने अजब रचा भगवान
लोना माटी का [संगीत] [संगीत] सत्य नाम का बना के बेड़ा सत्य नाम का बना के बेड़ा सत्य नाम का बना के बेड़ा सत्य नाम का बना के बेड़ा और उतरे भव से पार खिलौना माटी का तूने अजब रचा भगवान खिलोना माटी का माती का रे माती का माती
कारे माटे का तूने अजब रचा भगवान खिलना मोती का तूने अजब रचा भगवान लो ना माटी [संगीत] का ने अ जब रचा भगवान लोना [संगीत] माटी [संगीत] रक्षा है सृष्टि को जिस प्रभु ने वही ये सृष्टि चला रहे है रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने वही ये सृष्टि चला
रहे जो पेड़ हमने लगाया पहले जो पेड़ हमने लगाया पहले उसी का फल हम अब पा रहे हैं रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने वही ये सृष्टि चला रहे हैं रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने वही ये सृष्टि चला रहे [संगीत] हैं [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत]
इसी धरा से शरीर पाए इसी धरा में फिर सब समाए इसी धरा से शरीर पाए इसी धरा में फिर सब समाए है सत्य नियम यही धरा का है सत्य नियम यही धरा का एक आ रहे हैं एक जा रहे हैं रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने वही ये
सृष्टि चला रहे हैं रचा है सृष्टि को प्रभु ने वही ये सृष्टि चला रहे [संगीत] हैं जिन्होंने भेजा जगत में जाना तय कर दिया लौट के फिर से आना जिन्होंने फिर जा जगत में जाना त कर दिया लौट के फिर से आना जो भेजने वाले
हैं यहां पे जो भेजने वाले हैं यहां पे वही तो वापस बुला रहे रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने वही ये सृष्टि चला रहे हैं रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने वही ये सृष्टि चला रहे [संगीत] हैं [प्रशंसा] [संगीत] बैठे हैं जो धान की बालियों में समाए
मेहंदी की लालियो में बैठे हैं जो धान की बालियों में समाए मेहंदी की गालियों में हर डाल हर पत्ते में समाकर हर डाल हर पत्ते में समाकर गुल रंग बिरंगे खिला रहे हैं रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने वही ये सृष्टि चला रहे हैं रचा
है सृष्टि को जिस प्रभु ने वही की सृष्टि चला रहे है जो पेड़ हमने लगाया पहले जो पेड़ हमने लगाया पहले उसी का फल हम अब पा रहे हैं रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने वही ये सृष्टि चला रहे हैं रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने वही ये सृष्टि चला रहे
हैं रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने वही ये सृष्टि चला रहे है [संगीत] भजन बिना है ना काया किसी काम की भजन बिना है ना काया किसी काम की ना काया किसी काम की ना काया किसी काम की ना काया किसी काम मुझे ना काया किसी काम की भजन बिना है ना
काया किसी काम की भजन बिना है न काया किसी काम की न काया किसी काम [संगीत] की जवानी में मैंने दो दो बेटे पाले थे जवानी में मैंने दो दो बेटे पाले थे जवानी में मैंने दो दो बेटे पाले थे जवानी में मैंने दो दो बेटे पाले थे मुझे क्या था
पता बेटे पराए हो जाएंगे मुझे क्या था पता बेटे पराए हो जाएंगे बेटे पराए हो जाएंगे बेटे पराए हो जाएंगे बेटे पराए हो जाएंगे बेटे पराए हो जाएंगे भजन बिना है ना काया किसी काम की भजन बिना है ना काया किसी काम की ना काया किसी काम [संगीत] की [संगीत]
जवानी में मैंने दो दो महल बनाए थे जवानी में मैंने दो दो महल बनाए थे जवानी में मैंने दो दो महल बनाए थे जमाने में मैंने दो दो महल बनाए थे मुझे क्या था पता मेरे ट द्वार पे डालेंगे मुझे क्या था पता मेरी खाट द्वार पे डा
मेरी खाट द्वार प डालेंगे मेरी खाट द्वार प डालेंगे खाट द्वार प डालेंगे मेरी खाट द्वार प डालेंगे भजन बिना है ना काया किसी काम की भजन बिना है न काया किसी काम की न काया किसी काम [संगीत] [संगीत] की [संगीत] जवानी में मैंने दो दो गाए पाली थी जवानी
में मैंने दो दो गाए पाली थी जवानी में मैंने दो दो गाए पाली थी जवानी में मैंने दो दो गाए पाली ी मुझे क्या था पता एक घुट दूध को तर सूंगी क्या था पता एक घूट दूध को तरसू एक घूट दूध को तरसू एक घूट दूध को
तरसू घूट दूध को तर सूंगी एक घूट दूध को तर सूंगी भजन बिना है न काया किसी काम की भजन बिना है ना काया किसी काम की ना काया किसी काम [संगीत] की [संगीत] जवानी में अंधन के भंडारे भर दिए जवानी में अंधन के भंडारे भर दिए जवानी में अंधन
के भंडारे भर दिए जवानी में अंधन की भंडार बती मुझे क्या था पता रोटी के लाले पड़ जाएंगे मुझे क्या था पता रोटी के लाले पड़ जाएंगे लाले पड़ जाएंगे रोटी के लाले पड़ जाएंगे लाले पड़ जाएंगे रोटी के लाले पड़ जाएंगे भजन बिना है न
काया किसी काम की भजन बिना है न काया किसी काम की न काया किसी काम की [संगीत] [संगीत] भटकता डोले काहे प्राणी भटकता डोरे काहे प्राणी भटकता डोले काहे प्राणी भटक का डोले काहे प्राण चला प्रभु के तो शरण में चला प्रभु के तो शरण में बदल जाएगी जिंदगानी बदल जाएगी जिंदगानी भटकता
डोले काहे प्राणी भटकता डोले का है प्राण [संगीत] भटकता डोले काहे प्राणी भटकता डोले काहे प्राणी भटकता डोले काहे प्राणी मटक काटोले काहे प्राणी भटकता क्यों है मोह माया में भटकता क्यों है मोह माया में ये काया तेरी आनी जानी ये काया तेरी जानी जानी भटकता डोले काहे प्राणी भटक का
डोले काहे है [संगीत] [संगीत] [संगीत] प्राणी अटकता डोले काहे प्राणी भटकता डोले काहे प्राणी भटकता डोले काहे प्राणी भटक का टोले काहे प्राणी भटकना तेरा भक्ति पथ से तेरा भक्ति पथ से तुझे प्रभु कृपा की है हानी तुझे प्रभु कृपा की है हानी भटकता डोले काहे प्राणी भटकता डोले काहे प्राण [संगीत] भटकता
डोले काहे प्राणी भटकता डोले काहे प्राणी भटकता डोले का प्राणी भटक का डोले काहे प्राणी भटकने वाले दुख पाते भटकने वाले दुख पाते हैं अगर जीवन में होना दनी अगर जीवन में होना दानी भटकता काहे प्राणी भटक का डोरे काहे [संगीत] [संगीत] प्राणी भटकता डोले काहे प्राणी भटकता डोले काहे प्राणी भटकता
डोले काहे प्राणी भटक का डोले काहे प्राणी करो नित सुमिर राम कारे करो नित सुमिर राम का रही तेरे जीवन में खुशहाली रहे तेरे जीवन में खुशहाली भटकता डोले काहे प्राण भटक का डोले है [संगीत] प्राणी भटकता डोले काहे प्राणी टकता डो ले काहे प्राणी अटकता डोले काहे प्राणी भटक का
डोले काहे प्राणी चला शिव के तू शरण में चला शिव की तू शरण में सवर जाएगी जिंदगानी जाएगी ये जिंदगानी भटक ताड़ो ने काहे प्राणी भटकता डोरे काहे प्राणी [संगीत] ओ [संगीत] जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी
का क्या जीवन क्या मरण कबीरा खेल रचाया लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी [संगीत] [संगीत] का जिसमें तेरा जिसमें तेरा जन्म हुआ पलंग बनाया लकड़ी का जिसम तेरा जन्म हुआ वो पलंग बनाया लकड़ी का माता
तुम्हारी माता तुम्हारी लोरी सुनाए वो पलना था लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी का [संगीत] पढ़ने चला [प्रशंसा] जब पढ़ने चला जब पाठशाला में लेखन पाटी लकड़ी का पढ़ने चला जब पाठशाला में लेखन पाटी लकड़ी
का गुरु ने जब [संगीत] जब गुरु ने जब जब डर दिखलाया वो डंडा था लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी [संगीत] का [संगीत] जिसमें तेरा जिसमें तेरा ब्याह रचाया वो मंडप था लकड़ी का जिसम तेरा ब्याह
रचाया वो मंडप था लकड़ी का वृद्ध हुआ रे वृद्ध हुआ और चल नहीं पाया लिया सहारा लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लक ड़ का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी [संगीत] का डोली पाल की डोली पाल की और जनाजा सब कुछ है इस लकड़ी
का डोली पाल की और जनाजा सब कुछ है इस लकड़ी का जन्म मरण के जन्म मरण के इस मेले में है सहारा लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी [संगीत] [संगीत] का उड़ गया [प्रशंसा] पंछी उड़ गया
पंछी रह गई काया बिस्तर बिछाया लकड़ी का उड़ गया पंछी रह गई गाया बिस्तर बिछाया लकड़ी का एक पलक में एक पलक में काप बनाया खेल था सारा लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी
का जीते भील लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी का जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख त माशा लकड़ी [संगीत] का [संगीत] एक डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन चेला एक डाल दो पं छर बैठा कौन गुरु कौन चेला गुरु की करनी गुरु भरेगा गुरु की
करनी गुरु भरेगा चला की करनी चेला रे साधु भाई उड़ जा हंस अकेला एक डाल दो पंछी र बैठा कौन गुरु कौन जेला [संगीत] माटी चुन चुन महल बनाया लोग कहे घर मेरा माटी चुन चुन महल बनाया लोग कहे घर [संगीत] मेरा ना घर तेरा ना घर मेरा ना घर तेरा ना
घर मेरा चिड़िया रेन बसेर सद भाई उड़ जा हंस अकेला एक ाल जो पंचर बैठा कौन गुरु कौन चेला कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी जोड़ भरे ना थेला कोड़ी कोड़ ी माया जोड़ी जोड़ भरे ना थेला कहते कबीर सुनो भाई साधू कहते कबीर सुनो भाई साधू संग चले ना धेला रे साद कोई
उड़ जा अंस अकेला एक डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन चेला [संगीत] मात कहे ये पुत्र हमारा बहन कहे ये बीरा मात कहे ये पुत्र हमारा बहन कहे ये बरा भाई कहे भुजा हमारी भाई करे बज हमारी नारी कहे नर मेरा रे सबई उड़ जा हंस
अकेला ध पंर बैठा कौन गुरु कौन [संगीत] चेला पेट पकड़ माता रोवर बाह पकड़ के भाई पेट पकड़ कर माता रोवे बाह पकड़ के भाई लपट झपट के रिया रोवे लपट झपट के तिरिया रोवे हंस अकेला रे जा रे सध कोई उड़ जा हंस [संगीत]
अकेला देख डाल दो पंच र बैठा कौन गुरु कौन चेला [संगीत] जब तक जीवे माता रोवे बहन रोवे दशमा सा जब तक जीवे मा तो रोवे बहन रोवे दवासा 12 दिन तक रिया रोवे दिन तक रिया रोवे र कर घर बस सा उड़ जा हंस अकेला ल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन
चेला ना कोई आता ना कोई जाता झूठ जग का नाता ना कोई आता ना कोई जाता छूटा जग का नाता ना कोई की बहन भांजी ना कोई की बहन भांजी ना कहो की माता साधु भाई उड़ जा हंस अकेला एक डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन चेला [संगीत]
देवड़ी तक तेरी तेरी आ जावे खली तक तेरी माता देवड़ तक देर तेरिया जावे खोले तक तेरी माता मरघट तक सब जावे बाराती मरघट तक सब जावे बाराती हंस अकेला रे जाता रे स भाई उड़ जा हंस अकेला ाल धू पं छर बैठा कौन गुरु कौन
ला चार गज चादर मंगवाई चढ़ा काठ की घोड़ीर गज चादर मंगवाई चढा काट की घोड़ी चारों कोने आग लगाई चारों कोने आग लगाई फूक दिया जैसे होरी रे साधु भाई उड़ जा हंस अकेला देख डाल दो पंच र बैठा कौन गुरु कौन चेला [संगीत] हाड़ जले रे जैसे लकड़ी केश जले जैसे धागा
हाड़ जले रे जैसे लकड़ी केसे जले जैसे धागा सोने जैसी काया जल गई सोने जैसी काया जल गई कोई नाया पथर सद भाई उड़ जा अंश अकेला डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन चेला घर की तिरिया ढूंढने लागी ढूंढ फिरी चौ [संगीत] देशा की तिरिया ढूंढने लागी ढूंढ फिरी चौ
देशा कहत कबीर सुनो भाई साधू कहते कबीर सुनो भाई साधू छोड़ो जग की आछा रे भाई उड़ जा हंस अकेला एक डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन चेला [संगीत] भागवान ने बाग लगाया बाग लगाया केला भागवान ने बाग लगाया बाग लगाया केला कच्चे पक्के की मरम न जानी कच प की
मरम न जानी तोड़ा फूल अकेला रे साधू भाई उड़ जा हंस अकेला एक डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन ला एक को ड़ दूजा ड़ ड़ मलमल धागा एक को ड़ दूजा ओड़ी ड़ मल मल धागा शाल दुशाला कितनी ओढे शाल गोशाला कितनी ओढ़े अंत खक मिल जाता रे सग भाई उड़
जा हंस [संगीत] अकेला देख डाल दो पंच र बैठा कौन गुरु कौन चेला [संगीत] पांच रूप है मृग नैनी जिसम तीन चिकारा पांच रूप है मृग नैनी जिसम तीन चिकारा अपने अपने रस की भोगे अपने अपने रस की भोगे सबका न्यारा ू रे भाई उड़ जा हंस
अकेला एक डाल दो पंछी र बैठा कौन गुरु कौन चेला झुंड के झुंड है खाके आए बैठे खेत मजार झुंड के झुंड है खाके आई बैठे खेत मजार ओ हो हो कर ताली ले भागे हो हो कर ताली ले भागे मुख में है रखवाला रे साधू भाई उड़ जा हंस [संगीत]
अकेला एक डाल दो पंच रे बैठा कौन गुरु कौन चेला [संगीत] इस माया नगरी में रिश्ता है तेरा और मेरा इस माया नगरी में रिश्ता है तेरा और [संगीत] मेरा मतलब की संगी और साथी मतलब की संगी और साथी इन सबने है रा रे साध भाई मुड़ जा हंस [संगीत]
अकेला देख डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन चेला नका जिनका महल बनाया मूरख कहे घर [संगीत] मेरा ओ तिन का तिन का महल बनाया मुरक है घर [संगीत] मेरा ना घर तेरा ना घर मेरा ना घर तेरा ना घर मेरा चिड़िया रेन बसेरा रे स भाई उड़ जा हंस
अकेला देख डाल दो पंच र बैठा कौन गुरु कौन चला [संगीत] माटी से आया रे मानो फिर माटी में मिल लेला माटी से आया रे मानव फिर माटी में मिल लेला गिस गिस साबुन तन को धोया किस गिस साबुन तन को धोया मन को कर दिया मेला रे साधु भाई उड़ जा हंस
अकेला एक डाल दो पंछी र बैठा कौन गुरु कौन चेला माटी का एक नाग बनाया पूजे लागे लुगाया माटी का एक नाग बनाया पूजे लाग लुगाया जिंदा नाग जब घर से निकले जिंदा नाग जब घर से निकले लाठी लेके भगाया रे साद भाई उड़ जा हंस
अकेला एक डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन जय [संगीत] बेचारे इंसान को देखो जब हुआ बेहाल बेचारे इंसान को देखो जब हुआ [संगीत] बेहाल जीवन भर नग रहा रे भाई जीवन भर नग रहा रे भाई मरे उठाए दुशाला रे साधु भाई उड़ जा हंस
अकेला एक डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन ला प्रेम प्यार से बनते रिश्ते अपने हुए पराए प्रेम प्यार से बनते रिश्ते अपने हुए पराए अपने सगे तुम उनको जानो अपने सगे तुम उनको जानो कब वक्त पे आए रे स ब कुण जा अंस
अकेला देख डाल दो पंच र बैठा कौन गुरु कौन ज [संगीत] मन कहे तो मिल ना कहे चित कहे दे मन कहे तो मिल ना कहे चित कहे से चेला ज्ञान मिले तो सदगुरु कहे ज्ञान मिले तो सदगुरु कहे नहीं तो भला अकेला रे साधु भाई उड़ जा हंस अकेला
एक डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन चेला कहत कमाल कबीर के बेटे पग बड़ा उगेला कहत कमाल कबीर के बेटे पग बड़ो गला गुरु के करनी गुरु करेगा गुरु की करनी गुरु करेगा चेला के करनी चेला रे साध भाई उड़ जा हंस अकेला एक डाल दो पंच र बैठा कौन गुरु कौन
[संगीत] ये संसार कागद की बुढ़िया बूंद पड़े गल जा ये संसार कागद के पुड़िया बंद पड़े गल जाना ये संसार काटो की बाड़ी ये संसार काटों की बाड़ी उलज उलज मर जाना रे सदई उड़ जा हंस अकेला देख डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन
ला जीवन धारा बह रही है नहरों का है [संगीत] रेला जीवन धारा बह रही है लहरों का है रेला बूंद पड़े तन ना गल जाए बूंद पड़े तन ना गल जाए जो मोटी का धेला रे साधु भाई उड़ जा हंस अकेला एक डाल दो पंछी र बैठा कौन गुरु कौन [संगीत]
ला माता पिता मिल जाएंगे लख चौ माता पिता मिल जाएंगे लख चौ स भाई बिन सेवा और बंदगी बिन सेवा और बंदगी फिर मिलन कीना रे साधु भाई उड़ जा हंस [संगीत] अकेला एक डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन चेला जिसको दुनिया सब कहे वो है दर्शन [संगीत] मेला
जिसको दुनिया सब कहे वो है दर्शन मेला एक दिन ऐसा आए जब एक दिन ऐसा आए जब छूटे रे सब झमेला रे साधु भाई उड़ जा हंस [संगीत] अकेला एक डाल दो पंच र बैठा कौन गुरु कौन [संगीत] जला आशा हुई निराशा उ भी जीवन भया
उसा आशा हुई निराशा भी जीवन भया उदा सा मतलब के सब संगी साथी मतलब के सब संगी साथी कोई ना आवे पा सार साधू भाई उड़ जा हंस [संगीत] अकेला देख डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन ला अंता तारे बंता तारे तारे सदन कसाई ओ अंता तारे बंता तारे तारे सदन
कसाई सुआ पड़ा वत गंड कतार सुआ पवत गंड कतार तारे मेरा बाईर साध भाई उड़ जा हंस अकेला देख डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु [संगीत] चला बिन बादल जो बिजली चमके अमृत वर्ष होई बिन बादल जो बिजली चमके अमृत वर्षा होई ऋषि मुनि देवक रखवारे ऋषि मुनि देवक
रखवारे चिन्न न पावे कोई र साध भाई उड़ जा हंस अकेला एक डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन चेला सिर पर माया मोह की गठरी तेरे संग होवे सिर पर माया मोह की कठरी तेरे संग होवे सो गठरी तेरे बीच में छिन गई स गठरी
तेरे बीच में छिन गई मोड़ पकड़ का रोरे सद भाई उड़ जा हंस [संगीत] अकेला एक डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कन [संगीत] चला रास्ता तो दूर विकट है चलता तो तो जावे रास्ता तो दूर बिकट है चलता तू तो जावे संग साथ तेरे कोई ना चलेगा संग साथ
तेरे कोई ना चलेगा सारी अमरिया जो मेरे साधू भाई उड़ जा हंस अकेला एक डाल दो पंचर बैठा कौन गुरु कौन ला आम की जाली कोयल राजी मछली राजी जल में आम की डाली कोयल राजी मछली राजी जल में साधु रहे जंगल में राजी साधु रहे जंगल
मेरा जी तेरा ध्यान धन मेरे साधु भाई उड़ जा हंस अकेला एक डाल दो पंर बैठा कौन कौन चेला एक डाल दो पंर बैठ कौन गुरु कौन [संगीत] जेला [संगीत] होले कटार है काल खड़ा धर कर वेश [संगीत] कसाई कर्म का सारा लेखा जोखा लेगा पाई पाई एक जुगत है बचने
की एक जुगत है बचने की हरि नाम पुकारो रे भजन कर अंत सवार [संगीत] रे अंत सवारो रे हो अंत सवारो रे भजन कर अंत सवारो रे हो कर के सुमिरन अपने हरि का करके सुमिरन अपने हरि का जीवन सवारो रे भजन कर अंत सवारो रे हो अंत
सवारो रे भजन कर अंत सवा रे भजन कर अंत सवारो [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] रे बचपन खोया नादानी में और जवानी माया में जीवन सारा बीत गया ये नश वर्तन चमकाने में शेष बचा है जो इसको मत शेष बचा है जो इसको मत और बिगाड़ रे भजन कर अंत सवारो रे हो अंत
सवारो रे भजन कर अंत सवारो रे करे अंत सवारो [संगीत] रे हेर फेर से बहुत कमाया पाप पुण्य ना समझा रे परमार्थ का भाव भूल के रहा स्वार्थ में उलझा रे जब भी आए अकल तभी से जब भी आए अकल तभी से अपनी भूल सुधारो रे भजन कर अंत सवारो रे हो अंत
सवारो रे भजन कर अंत सवारो रे भजन करे अंत सवा रे करके सुमिरन अपने हरि का करके सुमिरन अपने हरि का जीवन सवारो रे भजन कर अंत सवारो रे अंत सवारो रे भजन कर अंत सवारो रे भजन करे अंत सवारो रे भजन कर अंत सवारो [संगीत] रे [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत]
[संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] तन को जल से तन को जल से तन को जल से तन को जल से तन को जल से धुला सरल है मगर तन को जल से धुला सरल है मगर मन को निर्मल
बनाना बड़ी बात है मन को निर्मल बनाना बड़ी बात है जल से धुला सरल है मगर मन को निर्मल बनाना बड़ी बात है मन को निर्मल बनाना बड़ी बात [संगीत] है कोशिशे कोई लाखों भले ही करे कोशिशे कोई लाखों भले ही करे किंतु सदगुरु बिना बात
बनती नहीं किंतु सदगुरु बिना बात बनती ही किंतु सदगुरु भी बिना बात बनती नहीं ग्रंथ पढ़ ज्ञान ग्रंथ पढ़ ज्ञान ग्रंथ पढ़ ज्ञान ग्रंथ पढ़ ज्ञान ग्रंथ पढ़ ज्ञान पा लेना आसान है ग्रंथ पढ़ ज्ञान पा लेना आसान है अपना आनंद पा बड़ी बात है अपना आनंद पाना बड़ी बात है
तन को जल से धुला सरल है मगर मन को निर्मल बनाना बड़ी बात है मन को निर्मल बनाना बड़ी बात है [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] पंथ में वेश में देश परदेश में पंथ में वेश में देस पर द्वेष में चित रहता फसा राग और द्वेष में चित रहता फसा राग और
द्वेष में चित रहता फसा राग और द्वेष में दिल किसी का दिल किसी का दिल किसी का दिल किसी का दिल किसी का जलाना कठिन ही है क्या दिल किसी का जलाना कठिन ही है क्या ज्ञान दीपक जलाना बड़ी ही बात है ज्ञान दीपक जलाना बड़ी ही बात है तन को जल से
धुला सरल है मगर मन को निर्मल बनाना बड़ी बात है मन को निर्मल बनाना बड़ी बात [संगीत] [प्रशंसा] है मन के विद्वान विद्या के अभिमान में मन के विद्वान विद्या के अभिमान में अपना मत तो चलाना आसान है अपना मत तो चलाना आसान है अपना मत तो
चलाना आसान है पूरे संयम सहित पूरे संयम सहित पूरे संयम सहित पूरे संयम सहित पूरे संयम सहित धर्म की राह पर पूरे संयम सहित धर्म की राह पर जिंदगी को चलाना बड़ी बात है जिंदगी को चलाना बड़ी बात है तन को जल से धुला सरल है मगर मन को निर्मल
बनाना बड़ी बात है मन को निर्मल बनाना बड़ी बात [संगीत] है घट में राजेश आनंद भरपूर है घट में राजेश आनंद भरपूर है पाने वाला मगर फिर फिर भी क्यों दूर है पाने वाला मगर फिर भी क्यों दूर है पाने वाला मगर फिर भी क्यों दूर है
क्योंकि सुन गुरु वचन क्योंकि सुन गुरु वचन क्योंकि सुन गुरु वचन क्योंकि सु सुन गुरु वचन क्योंकि सुन गुरु वचन मोह की नींद को क्योंकि सुन गुरु वचन मोह की नींद को त्याग कर जाग जाना बड़ी बात है त्याग कर जाग जाना बड़ी बात है तन को जल से
धुला सरल है मगर तन को जल से धुला सरल है मगर मन को निर्मल बनाना बड़ी बात है निर्मल बनाना बड़ी बात है मन को निर्मल बनाना बड़ी बात [संगीत] है [संगीत] धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ हो माली [संगीत] सीचे स घड़ा ऋतु आए फल
हो जरा हल्के गाड़ी हा को जरा हल्के ओ जरा हल्के गाड़ी हा को मेरे राम गाड़ी वाले ओ जरा हल्के गाड़ी हां को मेरे राम गाड़ी वाले हो हलके गाड़ी हाको रे भाई हलके गाड़ी हाको रे भाई राम गाड़ी वाले जरा धीरे-धीरे ओ भैया हले हले गाड़ी हां को जरा हल्के गाड़ी हां
मेरे राम गाड़ी वाले जरा हल्के गाड़ी हा को मेरे राम गाड़ी [संगीत] [प्रशंसा] वाले गाड़ी मेरी रंग रंग ली पहिया है लाल गुलाल ड़ मेरी रंग रंगीली पया है लाल गुलाल हा कन वाली छैल छबीली हा कन वाली छैल छबीली बैठन वाला काल भैया धीरे धीरे ओ भैया धीरे धीरे गाड़ी
हाथो जरा हलके गाड़ी हा को मेरे राम गाड़ी वाले जरा हलकी गाड़ी हाको मेरे राम गाड़ी [प्रशंसा] वाले गाड़ी अटकी रेत में और मजल पड़ी है दूर गाड़ अटकी रेत में और मजल पड़ी है दूर धर्मी धर्मी पार उतर गए धर्मी धर्मी पार उतर गए पापी चकना चूर भैया धीरे
धीरे ओ भैया धीरे धीरे गाड़ी हा को जरा हल्के गाड़ी हा को मेरे राम गाड़ी वाले जरा हल्के गाड़ी खो मेरे राम गाड़ी [संगीत] वाले हो देश देश का वैद बुलाया लाया जड़ी और बूटी देश देश का वैद बुलाया लाया जड़ी और बूटी जड़ीबूटी तेरे काम ना आई जड़ीबूटी
तेरे काम नाई जब राम के घर से छूटी भैया धीरे-धीरे [संगीत] रे भाई धीरे-धीरे गाड़ी हां को जरा हल्के गाड़ी हा को मेरे राम गाड़ी वाले हो हल्के गाड़ी हा को रे धीरे धीरे गाड़ी हाको रे राम गाड़ी वाले जरा हल्के गाड़ी हाको मेरे राम गा [संगीत] [संगीत]
वाले चार जना मिल मतो उठायो बांधी काठ की डोली चार जना मिल मतो उठायो बांधी काट के ली ले जाके मरघट पे रख दी ले जाके मरघट पे रख दी फूक दी जैसे होली भाई धीरे धीरे जरा हल्के गाड़ी हा को भाई धीरे-धीरे गाड़ी हा को मेरे राम गाड़ी वाले जरा
हल्के गाड़ी हा मेरे राम गाड़ी [संगीत] [संगीत] वाले बिलख बिलख कर तिरिया रोए बिछड़ गई मेरी जोड़ी बिलख बिलख कर तेरी आर में बिछड़ गई मेरी जोड़ी कहे कबीर सुनो भाई साधो कहे कबीर सुनो भाई साधु जिन जोड़ी तिन तोड़ी भाई धीरे धीरे ओ जरा हल्के गाड़ी खो भाई धीरे गाड़ी
हां को मेरे राम गाड़ी वाले जरा हलके गाड़ी ख मेरे राम गाड़ी वाले हलके गाड़ी हाको रे भाई हलके गाड़ी हाको रे भाई राम गाड़ी वाले जरा हल्के गाड़ी ख मेरे राम गाड़ी वाले मेरे राम गाड़ी वाले मेरे राम गाड़ी वाले #सतसग #नरगण #भजन #Stop #Satsangi #Nirgun #Bhajan #Nirgun #Bhajan #Bhakti #Song #Satsangi #Bhajan
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