#Trending Aarti Collection – संपूर्ण आरती संग्रह – सबसे ज्यादा सुनी जाने वाली आरतियां – Bhajan 2023

#Trending Aarti Collection – संपूर्ण आरती संग्रह – सबसे ज्यादा सुनी जाने वाली आरतियां – Bhajan 2023 Bhajan Vani (भजन वाणी)


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bhajan lyrics [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जा की पार्वती पिता महादेवा माता जा की पार्वती पति पिता महादेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता ज की पार्वती पिता महादेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता [संगीत]

महादेवा एकदंत दयावंत चार भुजा धारी एकदंत दयावंत चार भुजाधारी माथे सिंदूर सोहे मसे की सवारी माथे सिंदूर सोहे मुस की सवारी एकदंत दयावंत चार भुजा धारी माथे सिंदूर सो है मसे की सवारी एकदंत दया वंत चार भुजाधारी माथे सिंदूर सोहे मुसे की सवारी जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी

पार्वती पिता [संगीत] महादेवा पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े में पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा लडन को भोग लगे संत करे सेवा डुवन को भोग लगे संत करे सेवा पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा लडन को भोग लगे संत करे सेवा पान चढ़े फूल

चढ़े और चढ़े मेवा लडन को भोग लगे संत करे सेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाती पार्वती पिता [संगीत] महादेवा अंधन को आंख देत कोणन को काया अंधन को आंख देत कोणन को काया माया बाजन को पुत्र देत निर्धन को माया बांझ को

पुत्र देत निर्धन को माया अंधन को आख देत कोणन को काया बाजन को पुत्र देत निर्धन को माया अंधन को आख देत कोणन को काया बाजन को पुत्र देत निर्धन को माया सूर श्याम शरण आए सफल की जय सेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाती पार्वती पिता [संगीत]

महादेवा दनन की लाज राखो शंभु सुत वारी नन की लाज राखो शंभु सतवारी कामना को पूरा करो जग बलिहारी कामना को पूरा करो जग बलिहारी दनन की लाज राखो शंभु सुत बरी कामना को पूरा करो जग बलिहारी दनन की लाज राखो शंभु सतवारी कामना को पूरा करो जग

बलिहारी जय गणेश जय जय गणेश जय गणेश देवा माता जाती पार्वती पिता महादेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाती पार्वती पिता महादेवा जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाती पार्वती पिता महादेवा ओम जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निश दिन सेवत मैया जी को निश दिन

सेवत हर विष्णु विधाता ओम जय लक्ष्मी [संगीत] माता कुमार मा ब्रह्माणी तुम हे जग माता मैया तुम ही जग माता सूर्य चंद्र माधव सूर्य चंद्र माधव नारद ष गाता ओम जय लक्ष्मी माता दुर्ग रूप निरंजनी सुख संपति दाता मैया सुख संपत दाता जो कोई तुमको जाता जो कोई तुमको जाता

रिद्धि सिद्धि धन पाता ओम जय लक्ष्मी [संगीत] माता तुम पाताल निवासिनी तुम ही शुभ दाता मैया तुम ही शुभ दाता कर्म प्रभाव प्रकाशिनी कर्म प्रभाव व प्रकाशिनी भवन धिक त्राता ओम जय लक्ष्मी माता जिस घर में तुम रहते सब सदगुण आता मैया सब सदगुण

आता सब संभव हो जाता सब संभव हो जाता मन नहीं घबराता ओम जय लक्ष्मी माता तुम बिन यज्ञ ना होते वस्त्र ना कोई पाता मैया वस्त्र ना कोई पाता खान पान का वैभव खानपान का वैभव सब तुमसे आता ओम जय लक्ष्मी माता शुभ गुण मंदिर सुंदर शेर दध जाता मैया शेर दध [संगीत]

जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता ओम जय लक्ष्मी माता महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता मैया प्रेम सहित गाता और आनंद समा र आनंद समा पाप उतर जाता ओम जय लक्ष्मी [संगीत] माता ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के

संकट दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओ जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के संकट दास जनों के संकट शरण में दूर करें ओम जय जगदीश ह [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] जो घ्यावे फल पावे दुख बिन से मन का स्वामी दुख बिन से मन

का सुख संपति घर आवे सुख संपति घर आवे कष्ट मिटे तन का ओम जय जगदीश [संगीत] हरे मात पिता तुम मेरे शरण गह मैं किस स्वामी शरण गह मैं किसकी तुम बिन और ना दूजा प्रभु बिन और ना दूजा आस करू मैं [संगीत] जिसकी ओम जय जगदीश [संगीत] [प्रशंसा] हरे तुम पूरण

परमात्मा तुम सबके स्वामी प्रभु तुम सबके स्वामी पारब्रह्म परमेश्वर पारब्रह्म परमेश्वर तुम सबके स्वामी ओम जय जगदीश [संगीत] हरे तुम करुणा के सागर तुम पालन करता स्वामी तुम पालन करता मैं मूरख कल कामी मैं सेवक तुम स्वामी कृपा करो भरता ओम जय जगदीश [संगीत] हरे तुम हो एक अगोचर सबके प्राण

पति स्वामी सबके प्राण पति किस विधि मिलाहु दयामय किस विधि मिल दया में तुमको मैं कुमती ओ जय जगदीश हरे [संगीत] दीन बंधु दुख हरता तुम ठाकुर मेरे स्वामी तुम ठाकुर मेरे अपने हाथ उठाओ अपनी शरण लगाओ द्वार पड़ा तेरे ओम जय जगदीश [संगीत] हरि विषय विकार मिटाओ पाप हरो

देवा स्वामी पाप हरो देवा श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ श्रद्धा प्रेम बढ़ाओ संतन की सेवा ओम जय जगदीश [संगीत] हरे तन मन धन सब तेरा सब कुछ है तेरा स्वामी सब कुछ है तेरा तेरा तुझको अर्पण तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा ओम जय जगदीश हरे ओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश

हरे भक्त जनों के संकट दास जनों के संकट क्षण में दूर करे ओम जय जगदीश हरि ओम जय जगदीश हरी ओम जय जगदीश [संगीत] हरी जय अंबे गौरी मैया जय श्यामा गौरी तुमको निश दिन जावत तुमको निश दिन जावत हरि ब्रह्मा शिव जी जय अंबे गौरी जय अंबे गौरी मैया जय श्यामा

गरी तुमको निश दिन जावत तुम को निश दिन धावत हरि ब्रह्मा शिव जीी जय अंबे [संगीत] गौरी [संगीत] मांग सिंधूर विराजत को मग मद को मैया टे को मग मद को उजल से द नना उज वल से द नना चंद्र बदन नी को जय अंबे गोरी कनक समान कलेवर रखता बराजी

मैया रखता बरा जी रक्त पुष्प की माला रक्त पुष्प की माला कंठन परसा ज जय अंबे गोरी [संगीत] के हरी वाहन राजत खड़ग ख पर धारी मैया खड़क खप धारी सर नर मुनि जन सेवक सुरर मुनि जन सेवत नके दुख हारी जय अंबे गौरी कानन कुंडल शोभित ना सारग मोती मैया ना सारग

मोती कोटिक चंद्र दिवाकर कोटिक चंद्र दिवाकर राजत सम जोती जय अंबे गोरी [संगीत] शुंभ नि शुंभ वि दारे महिषा शुर घाती मैया महिषासुर खाती धूम्र विलोचन नैना धुम लोचन नना निश दिन मद माती जय अंबे [संगीत] गौरी चं मुंड संघरे श त बीज हरे मैया सोनित बीज हरे मधु कैट बद

मार मधु केटब दो मार सुर भ हीन करे जय अंबे गौरी [संगीत] ब्रह्माणी रुद रानी तुम कमला रानी मैया तुम कमला रानी आगम निगम बखानी आगम निगम बखानी तुम शिव [संगीत] पटरानी जय अंबे गोरी 64 योगिनी मंगल गावत नृत्य करत मैया गावत नृत्य करत बाजत ताल [संगीत] मृदंगा बाजत ल [संगीत]

मृदंगा अरू बाजत डमरू जय अंबे गोरी [संगीत] तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता मैया तुम ही हो भरता भक्तन की दुख हरता भक्तन की दुख हरता सुख संपति करता जय अंबे [प्रशंसा] गुरी भुजा चार्य अति शोभित वर मुधरा धारी मैया वर मुधरा धारी मनवा चित फल पावत मनवा चित फल

पावत सेवत नर नारी जय अंबे गोरी [संगीत] कंचन थाल विराजत अगर कपर भाती मैया अगर कपुर भाती श्री माल केत मेरा त श्री माल के त में राजत टी रतन [प्रशंसा] ज्योति जय अंबे [संगीत] गौरी अंबे जी की आरती जो कोई नर गावे मैया जो कोई नर गावे कहत शिवानंद स्वामी कहत शिवानंद

स्वामी सुख संपति पावे जय अंबे [संगीत] ओम जय शिव ओमकारा स्वामी भज शिव ओमकारा ब्रह्मा विष्णु सदा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव हरधा की धारा ओम जय शिव ओमकारा ओम जय शिव ओमकारा स्वामी भज शिव ओमकारा ब्रह्मा विष्णु सदा शिव ब्रह्मा विष्णु सदा शिव हरि धाम की धारा ओम जय शिव [संगीत] [संगीत]

तारा हे कानन चतुरानन पंचानन राजे स्वामी पंचाग वि राजे हं सासन गरुणा सन हंसा सन गरुणा सन विश्वा हन साजे ओम जय शिव [संगीत] ओमकारा दो भुज चार चतुर्भुज दश भुज अति सोहे स्वामी दश भुज अति सोहे तीनो रूप नि रखते तीनो रूप नि रखते त्रिभुवन जन मोहे ओम जय शिव [संगीत]

ओमकारा अक्ष माला वनमाला रुण माला धारी सा रुण माला धार त्रिपुरारी कंसारी त्रिपुरारी कंसारी करमाला धारी ओम जय शिव [संगीत] ओमकारा श्वेतांबर पीतांबर बागमबर अंगे स्वामी बागमबर अंगे सनकादिक गरुडा दिख सनकादिक गरुडा दिक भूता दिक संगे ओम जय शिर ओमकारा [संगीत] कर मधे सुका मंडल चक्र शूल धारी स्वामी चकत शुल

गारी सुख कारी दुख हारी सुख कारी दुख हारी जग पालन कारी ओम जय शिव [संगीत] ओमकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत विवेता स्वामी जानत अवेका प्रणवा शर में शोभित प्रणवा शर में शोभित ये तीनों एका ओम जय शिव [संगीत] ओमकारा गुण स्वामी जी की आरती जो कोई नर गावे स्वामी प्रेम सहित [संगीत]

गावे कहत शिवानंद स्वामी कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ओम जय शिव ओमकारा ओम जय शिव ओमकारा स्वामी भज शिव ओमकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदा शिव हरधा की धारा ओम जय शी गुरु ओमकारा ओम जय शी गुरु ओमकारा ओम जय शिव [संगीत] [संगीत] ओमकारा जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी

रमणा सत्य नारायण स्वामी सत्य नारायण स्वामी जन पातक हर ओम जय लक्ष्मी रमणा ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा सत्य नारायण स्वामी सत्य नारायण स्वामी जन पाटक हर ओम जय लक्ष्मी रमणा [संगीत] रतन जड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजे स्वामी अद्भुत छवि राज नारद करत निराजन नारद करत निराजन घंटा वन बाजे

ओम जय लक्ष्मी [संगीत] रमणा प्रकट भई कली कारण तुझको दरस दियो सार धज को दरस दियो बूढ़ो ब्राह्मण बनक बूढ़ो ब्राह्मण बनक कंचन महल कियो ओम जय लक्ष्मी [संगीत] रमणा दुर्बल भील का कठो जिन पर कृपा करी स्वामी जिन पर कृपा करे चंद्र चूड़ एक राजा चंद्र चूड़ एक राजा तिनके विपत

हरे ओम जय लक्ष्मी रमणा वेश मनोरथ पायो श्रद्धा तज दीनी स्वामी श्रधा तज द सु फल भाग्य प्रभु जी सोफल भाग्य प्रभु जी फिर स्तुति की नहीं ओम जय लक्ष्मी [संगीत] रमणा भव भक्ति के कारण छिन छिन रूप धरयो छिन छिन रूप धरयो श्रद्धा धारण कीनी श्रद्धा धारण कीनी तिनको काज

सो ओम जय लक्ष्मी [संगीत] रमणा ग्वाल बाल संग राजा वन में भक्ति करी स्वामी बन में भक्ति करी मन वांछित फल दीनो मन वांछित फल दीनो दीन दयालु हरि ओम जय लक्ष्मी [संगीत] मना जड़त प्रसाद सवाय कदली फल मेवा हम कदली फल मेवा धूप दीप तुलसी धूप दीप तुलसी से राजी सत्य

देवा ओम जय लक्ष्मी रमणा सत्य नारायण जी की आरती जो कोई नरगा वे स्वामी प्रेम सहित गावे रिधि सिधि सुख संपति रिधि सिधि सुख संपति सहज रूप पावे ओम जय लक्ष्मी रमणा ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा सत्य नारायण स्वामी सत नारायण स्वामी जन पातक हर ओम जय लक्ष्मी

रमणा ओम जय लक्ष्मी रमणा ओम जय लक्ष्मी [संगीत] [संगीत] ओम जय श्री कृष्ण हरे प्रभु जय श्री कृष्ण हरे भक्तन के दुख टार भक्तन के दुख टार पल में दूर [संगीत] करे जय जय श्री कृष्ण हरे ओम जय श्री कृष्ण हरे प्रभु जय श्री कृष्ण

हरे भक्तन के दुख तारे भक्तन के दुख तारे मन में दूर करे जय जय श्री कृष्ण [संगीत] [संगीत] हरे परमानंद मुरा मोहन गिरिधारी प्रभु मोहन गिरधार जय रस रात बिहारी जय रस रात बिहारी जय जय गिरिधारी जय जय श्री कृष्ण हरे कर कंचन कट कंचन श्रुति कुंडल माला प्रभु शति कुंडल

माला मोर मुकुट पीतांबर मोर मुकुट पीतांबर सोही वनमाला जय जय श्री कृष्ण [प्रशंसा] [संगीत] हरे दीन सुदामा तारे दरिद्र दुख तारे प्रभु दरिद्र दुख खटा दे जग की फंद छुड़ाई जग के फंद छुड़ाए भव सागर तारे जय जय श्री कृष्ण हरे हिय कश्यप संहारे नर हरि रूप धरे रमनर हरि रूप

धरे वाहन से प्रभु प्रगट वाहन से प्रभु प्रगट जन के बीच पड़े जय जय श्री कृष्ण हरे [संगीत] की श कंस बदार नर कुबेर तारे प्रभु नर कुबेर तारे दामोदर छवि सुंदर दामोदर छवि सुंदर भक्तन रखवारी जय जय श्री कृष्ण हरे काली नाग नथैया नटवर छवि सो प्रभु नत मन सो

है फन फन चढ़त ही नागन फन फन चढ़त ही नागन नागन मन मोहे जय जय श्री कृष्ण [प्रशंसा] [संगीत] हरे [संगीत] राज विभीषण थाप सीता शोक हरे प्रभु सीता शोक हरे द्रुपद सुता पत राखी द्रुपद सुता पत राखे करुणा लाज भरे जय जय श्री कृष्ण हरे ओम जय श्री कृष्ण

हरे प्रभु जय श्री कृष्ण हरे भक्तन के दुख तारे भक्तन के दुख तारे पल में दूर तरे जय जय श्री कृष्ण हरे जय जय श्री कृष्ण हरे जय जय श्री कृष्ण [संगीत] [संगीत] हरे ओम जय संतोषी माता मैया जय संतोषी माता अपने सेवक जन को अपने सेवक जन को सुख संपत

दाता ओम जय संतोष मा ओम जय संतोषी माता मैया जय संतोष माता अपने सेवक जन की अपने सेवक जनती सुख संपति दाता ओम जय संतोष माता [संगीत] सुंदर चीर सुनहरी माध रण की हो मैया तुम धार कीन हीरा पन्ना दम के हीरा पन्ना दम के तन श्रृंगार कीन हो ओम जय संतोष

माता गेरू लाल छटा छवी वदन कमल सोहे बदन कमल सोहे मंद हसत करुणामय मंद हसत करुणामय त्रिभुवन मन मोहे ओम जय संतोषी [संगीत] माता स्वर्ण सिंहासन बैठी जवर ढोरे प्यारे मैया चमल ढोरे प्यारे धूप दीप मधु मेे वा धूप दीप मधु मेे वा भोग धरे न्यारे ओम जय तु शी [संगीत]

माता गुण अरु चना परम प्रिया ता में संतोष कियो मैया ता में संतोष कियो संतोषी के कहलाई संतोषी कहलाई भक्तन वैभव दियो ओम जय संतोषी [संगीत] माता शुक्रवार भी अमानत आज दिवस सोही मैया आज दिवस सोही भक्त मंडली छाई भक्त मंडली छाई कथा सुनत मोही ओम जय संतोष मादा मंदिर जगमग

ज्योति मंगल ध्वनि छाई मैया मंगल ध्वनि छाई विनय करे हम बालक विनय करे हम बालक चरणन सिरना ओम जय संतोषी [संगीत] माता भक्ति भाव मय पूजा अंगीकृत की जय मैया अंगत की जय जो मन बसे हमारे जो मन बसे हमारी इच्छा फल दीज ओम जय संतोष माता दुखी दरिद्री रोग संकट मुक्त

किए मैया प्रेम सहित गावे बहु धन धान्य भरे घर बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिए ओम जय संतोषी माता [संगीत] ध्यान धरयो जिस जन ने मनवांछित फल पायो मनवांछित फल पायो पूजा कथा श्रवण कर पूजा कथा श्रवण कर घर आनंद [संगीत] आयो शरण गहे की लजा राखियो जगदंबे भया राखियो

जगदमे संकट तू ही निवारे संकट तू ही निवारे दयामई [संगीत] अंबे संतोषी माता की आरती जो कोई जन गावे भैया संकट मूक्ति के रिधि सिधि सुख संपति रिधि सिधि सुख संपति जी भर कर पावे ओम जय जय संतोषी माता ओम जय संतोषी माता मैया जय संतोष

माता अपने सेवक जन की अपने सेवक जन की सुख संपति दाता ओम जय संतोषी माता ओम जय संतो शी माता ओम जय संतो शी [संगीत] माता जय शीतला माता मैया जय शितला माता आदि ज्योति महारानी आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता जय शितला माता जय शितला माता मैया जय शितला

माता आ ज्योति महारानी आ ज्योति महारानी सबब फल कीी दादा जय शतरा माता [संगीत] रत्न सिंहासन शोभित शत चतर भाता मैया शेत चतुर भाता रिद्धि सिद्धि चावर डोला रिद्धि सिद्धि चावर ढोला में जगमग छवि [संगीत] छाता शितला माता विष्णु सेवत ठाड़े सेवे शिव धाता मैया सेवे शिव धाता वेद पुराण वर्त वेद पुराण

वर्त पार नहीं पाता ऐ शितला माता [संगीत] इंद्र मृदंग बजाव चंद्र विणा था मैया चंद्र विणा हाथा सूरज ताल बजावे सूरज ताल बजावे नारद मुनि गाता ज शीतला बाता घंटा शंख शहनाई मन भाता मैया पाज मन भाता करे भक्त जन आरती करे भक्त जन आरती लखी लखी हर शता शीतला माता [संगीत]

धम्म रूप वरदानी तू ही न काल ज्ञाता मैया तू ही दिन काल ज्ञाता भक्तन को सुख देती भक्तन को सुख देती मात पिता भ्राता है शितला माता जो जन ध्यान लगावे प्रेम शक्ति पाता मैया प्रेम शक्ति पाता सकल मनोरथ पावे सकल मनोरथ पावे भव निधि तर जाता जय शितला माता [संगीत]

रोगों से जो पीड़ित कोई शरण तेरी हाता मैया शरण तेरी हाता कोढ़ी पावे निर्मल थाया गढी पवे निर्मल काया अंधन तर [संगीत] पाता शितला माता बांझ पुत्र को पावे त्र कटे सारा स्वामी िद कटे रा ता को भजे जो नाही ता को भजे जो नाही सिर धुनि पछताता है शितला माता [संगीत]

शीतल करती जनकी तू है जग दता मैया तू है जग दता उत्पति बाला बिना [संगीत] उत्पति भला विनाश ू सबकी [संगीत] माता शीतला माता दास नारायण गुर तुम जोरी माता मैया तुम जोरी माता भक्ति अपनी दीज भगति अपनी दीज और ना कुछ [संगीत] माता शितला [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत]

आरती की जय हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीज हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की जा के बल से गिरवर कापे रोग दोष जाके निकट न जाके पुत्र महा बल दई संतन के प्रभु सदा सहाय देवीरा रघुनाथ पठाई लंका जार सिया सु दिलाए लंका स कोट समुद्र

सिखाई जात पवन सुत बार नाला लंका जार असुर संघार सियाराम मुज के काज सवारे लक्ष्मण मूर्चित पड़े सका लानी संजीवन प्राण उभारे पैटी पाताल तोरी जमका रे अहे रावण की बुझा उखारे बाय बुझा असुर संघार दाहिने बुझा संत जन तारे सुर नर मुनि जन आरती उतारे जय जय जय हनुमान

उचार कंचन थार कपूर लो छाई आरती करत है अंजना माई जो हनुमान जी की आरती गावे बैसे बैकुंठ परम पद पावे लंका विद्वंस की ये रघुराई तुलसीदास स्वामी कीरती गाए आरती की जय हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती की जय हनुमान लला की दुष्ट दलन

रघुनाथ कला की आरती की जय हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की [संगीत] #Trending #Aarti #Collection #सपरण #आरत #सगरह #सबस #जयद #सन #जन #वल #आरतय #Bhajan
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