बृजलाल! हम तो भूखे रह गये-बाबा नीम करोली कथा
कानपुर के एक बड़े उद्योपति की माता जी के आग्रह करने पर एक दिन बाबा जी ड्राईवर बृजलाल के साथ माता जी की कोठी पर पहूँच गये। मारवाड़ी उद्योपति के घर सोने चाँदी के पात्रों में तरह तरह के व्यंजन देख कर बाबा जी के विरागी मन विचलित हो गया और गृह स्वामिनी के के …